ब्यूरो / सोलन: किसानों का हितार्थ बताने वाली प्रदेश सरकार के दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे है। सोलन में स्थिति यह है कि किसानों को कभी बिजाई के समय पर खाद नही ंमिलती तो कभी निदाई के समय खाद उपलब्ध नहीं होती है यदि खाद उपलब्ध भी होती है तो उसके लिए किसानों को मनमाने दाम चुकाने पडते है जहां प्रदेश में करीब 65 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है उसके बावजूद किसानों को समय पर खाद न मिलना अपने आप में एक प्रश्न बना हुआ है। गौरतलब है कि सोलन क्षेत्र के किसानों को गत 3 वर्षो से समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है जिससे एक तरफ फसलों को नुक्सान हो रहा है वही दूसरी ओर किसानों की फसल देर से तैयार होती है। सोलन के साथ लगती ग्राम पंचायत सपरून के कयालर गांव के किसान राजेन्दर कुमार का कहना है कि पिछले 2- 3 वर्षो से उन्हें समय पर सरकारी डिपूओं पर खाद नहीं मिल रही है और निजी डिपूओं पर मिलती है लेकिन उनसे सरकारी मूल्य से अधिक दाम वसूले जा रहे है। किसानों का भी यही कहना है कि जब 161232 खाद की जरूरत होती है तब उन्हें यूरिया खाद मिलता है जिसके कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पडमा है। हिमफेड के क्षेत्रीय प्रबन्धक राजेन्द्रर ठाकुर ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों से अधिक मूल्य किसानों से नहीं ले सकते है उन्होनें सभी किसानों से आग्रह किया कि वह सरकारी व गैर सरकारी डिपूओं से यदि खाद खरीदते है तो किसानों को खाद का बिल जरूर लेना चाहिए।
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