मंडी (वी कुमार) : शहर के लिए उहल से ग्रेवटी प्रणाली के माध्यम से बनाई जा रही लगभग 90 करोड़ की पेयजल योजना की पाइपें अब मंडी शहर में भी बिछने लगी हैं, जिससे लोगों को उम्मीद हो गई है कि जल्दी इस अति महत्वकांक्षी पेयजल योजना का काम पूरा होगा और उन्हें चौबीसों घंटे पानी मिलेगा। अब जिस तरह से इसका काम हो रहा है, उससे इसकी गुणवता पर अभी से सवाल खड़े होने लगे हैं।
हालांकि विभाग का दावा है कि यह बहुत बड़ी कंपनी है जो अपनी गुणवता के लिए मशहूर है। इससे पहले तो इसका काम जंगलों व आबादी विहीन इलाके में ही चल रहा था, मगर अब जब शहर में काम शुरू हुआ तो इस पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए। शहर के प्रवेश द्वार कालेज रोड़ में पांच दिन पहले बीच सडक़ में रात को मशीनें लगाकर खुदाई की गई और लगभग सौ फुट जगह पर पाइप डाल दी गई। इसके बाद यह काम बंद पड़ा हुआ है और पूरे शहर को यहां से वाहनों के टायरों के साथ मिट्टी जा रही है।
खुदाई के बाद सारी मिट्टी सडक़ पर ही छोड़ दी गई जो अब हवा के साथ लोगों की सांसें बन रही है। इस मिट्टी ने लोगों का जीना हराम कर दिया है। यहां से गुजरने वाले स्कूली बच्चे, बुजुर्ग महिलाएं व अन्य मुंह पर कपड़ा ढांप कर ही यहां से निकल पा रहे हैं जबकि दुकानदारों का काम ठप हो गया है। दुकानों में रखे उपकरणों में हवा के साथ जो मिट्टी आ रही है उससे वह खराब हो रहे हैं।
कालेज रोड़ शॉप कीपर एसोसिएशन के प्रधान दीपक, सचिव राकेश, राजेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, महेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह, जय कुमार, धमेंद्र शर्मा, पवन शर्मा, हंस राज समेत सभी पदाधिकारियों व सदस्यों ने कहा कि इस धूल ने जीना हराम कर दिया है। इससे जुकाम, नजला व खांसी जैसी बीमारियों इससे धूल से हो रही हैं।
इस बारे में पहले ही दिन से यह मांग की जा रही है कि इस काम को जल्द से जल्द निपटाया जाए और खुदाई से जो मिट्टी सडक़ जमा हुई है उस पर दिन में दो तीन बार छिडक़ाव किया जाए। यदि इसी स्पीड और तरीके से काम होता रहा तो पानी तो जब मिलेगा तब मिलेगा उससे पहले ही लोग बेमौत मर जाएंगे।
इस बारे में जब आईपीएच के सहायक अभियंता एचके शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ठेकेदार को कोई दिक्कत खुदाई में आ गई है। ऐसे में अब वह नई मशीनरी ला रहा है जिससे काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धूल को कम करने के लिए पानी का छिडक़ाव करने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि काम में किसी भी तरह से गुणवता कम नहीं होने दी जाएगी। यह अतिमहत्वकांक्षी योजना है और इसे मंडी व आसपास के लोगों के हित में जल्द जल्द शुरू करने के प्रयास हो रहे हैं।