शिमला, 28 जून : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने यहां राजभवन में आयोजित ‘हिमाचल के प्रहरी’ सम्मान समारोह में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (NDPS) अधिनियम के तहत मामलों का पता लगाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 18 व्यक्तियों को सम्मानित किया। यह कार्यक्रम पुलिस विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल के इन प्रहरियों ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में असाधारण प्रतिबद्धता और बहादुरी का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक गंभीर खतरा है, जो सीमाओं और जनसांख्यिकी से परे है। यह परिवारों को बाधित करता है, सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डालता है और आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
![](http://mbmnewsnetwork.com/wp-content/uploads/2024/06/Untitled-design-16-1.jpg)
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने समुदायों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के अभिशाप से बचाने के लिए सतर्क और सक्रिय होना चाहिए। इस खतरे का मुकाबला करने के प्रयासों के लिए एक ठोस और बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें कानून प्रवर्तन, सामुदायिक जुड़ाव, शिक्षा और पुनर्वास शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के तौर पर उन्होंने अपने 16 माह के कार्यकाल में देवभूमि में नशे के खिलाफ अपने आपको सक्रिय तौर पर जोड़ा है। उन्होंने बढ़ते नशे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज गांव-गांव तक नशा पहुंच रहा है और अब लड़कियां तक ड्रग पैडलर बन रही हैं। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम नशीली दवाओं की तस्करी और दुरुपयोग से निपटने के लिए हमारे शस्त्रागार में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इस कानून की प्रभावशीलता न केवल अधिकारियों पर बल्कि जनता की सतर्कता और सहयोग पर भी निर्भर करती है।
इससे पूर्व, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रदेश द्वारा लोगों के सामूहिक प्रयासों को सम्मानित करने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया, जो नशे के खिलाफ हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह सम्मान समारोह हमारे जागरूक नागरिकों की सक्रिय भूमिका को मान्यता देने और उनके योगदान का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया गया है, जो सहयोग की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग हिमाचल प्रदेश में एक महत्त्वपूर्ण चुनौती पेश करता है और इसे प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए शिक्षा, रोकथाम, उपचार और पुनर्वास शामिल करने वाला एक बहु-विषयक दृष्टिकोण आवश्यक है।
इस अवसर पर, एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के पुलिस अधीक्षक अरविंद नेगी ने प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से संबंधित मामलों पर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
शिमला नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी, राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा तथा राज्यपाल के सचिव का कार्यभार देख रहे सी.पी. वर्मा तथा पुलिस प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
@K1