नाहन, 29 जून : चमचमाती कार पर वीवीआईपी नंबर (VVIP No.) की दीवानगी पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में भी सिर चढ़कर बोलती है। परिवहन विभाग फेंसी नंबर की ई-नीलामी (e-auction) करता है। सिरमौर के आरएलए (Registration and Licensing Authority) पांवटा साहिब के वीवीआईपी नंबर ‘HP17H-0001′ की बोली 60 लाख रुपए पहुंच गई है। बता दें कि हाल ही में राज्य के इकोनोमिक हब (Economic Hub) पांवटा साहिब में एच सीरीज शुरू हुई है।
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जानकारी के मुताबिक अंतिम चरण में तीन बोलीदाता थे। इस नंबर की सबसे अधिकतम बोली 60 लाख रुपए तक बोली गई। हालांकि, तीन बोलीदाताओं के सामने बोली को बढ़ाने का अवसर रविवार शाम तक है। शनिवार शाम 5 बजे के बाद कोई भी नया बोलीदाता इसमें शामिल नहीं हो सकता। लाजमी तौर पर आपके जेहन में ये सवाल भी उठ रहा होगा कि एक नंबर पाने के लिए 60 लाख की बोली किसने लगाई है, तो आपको बता दें कि रविवार शाम 5 बजे के बाद ही इस बात का खुलासा पोर्टल पर ही होगा कि एक नंबर लेने का चाहवान कौन है। ये ऑनलाइन स्वचालित प्रक्रिया है।
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हालांकि, परिवहन विभाग का निदेशालय संभवतः अग्रिम तौर पर भी बोलीदाता की जानकारी हासिल कर सकता है। राज्य के कई हिस्सों में वाहनों के वीआईपी नंबर लेने के लिए बड़ी-बड़ी बोलियां लगती रही हैं, लेकिन सिरमौर में शायद ये पहली बार हुआ है, जब वीवीआईपी नंबर हासिल करने की दीवानगी ने बोली के रिकाॅर्ड तोड़ें हों। दरअसल, पहले पोर्टल पर विसंगतियों का फायदा बोलीदाताओं द्वारा उठाया जाता था, लेकिन कुछ मामले सामने आने के बाद डिप्टी सीएम व परिवहन मंत्री ने सख्त कदम उठाने की हिदायत दी थी, क्योंकि बोलीदाता ऑनलाइन बोली की रकम को आसमान तक पहुंचा देते थे, लेकिन बाद में अलाॅटमेंट नहीं लेते थे।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पांवटा साहिब के एसडीएम (SDM) व आरएलए (RLA) गुंजीत सिंह चीमा ने कहा कि ‘HP17H-0001′ की बोली 60 लाख तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि सफल बोलीदाता को 3 जुलाई तक राशि को जमा करवाना पड़ेगा, अन्यथा डेढ़ लाख रुपए की राशि जब्त हो जाएगी, साथ ही 2 हजार रुपए भी वापस नहीं होंगे।
कुल मिलाकर, यदि बोलीदाता नंबर नहीं लेता है तो सरकार के खजाने में 1 लाख 52 हजार तो आ ही जाएंगे, साथ ही नंबर की रि-ऑक्शन की जाएगी।
@R1