मंडी, 06 अप्रैल : प्रदेश सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए जारी नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश के कॉलेजों में बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षक असमंजस की स्थिति में आ गए है। शिक्षकों का कहना है कि नई शिक्षा नीति को लागू करने में सरकार जल्दबाजी कर रही है। जबकि प्रदेश में चल रहे कई कॉलेजों में आधारभूत ढांचा ही तैयार नहीं हैं।
शनिवार को मंडी में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान हि.प्र राजकीय महाविद्यालय शिक्षा संगठन (HGCTA) की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वनिता सकलानी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिस तरह से बिना आधारभूत ढांचे के रूसा का हश्र हो गया था। उसी तरह सरकार की जल्दबाजी के चलते नई शिक्षा नीति का हश्र हो सकता है। इनका कहना है प्रदेश में कई कॉलेजों में बच्चों की कक्षाएं स्कूलों में चल रही है।
बुनियादी ढांचे व शिक्षकों के बिना यहां नई शिक्षा नीति को लागू करना संभव नहीं होगा। प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में 600 पद रिक्त पड़े हुए हैं। यदि सरकार इन नीति को लागू कर देती है तो शिक्षकों पर इसका वर्कलोड़ बढ़ेगा। वहीं उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां भी अलग है। ऐसे में सरकार इस नीति को लागू करने से पहले सभी पहलुओं का ध्यान रखें।
वहीं, उन्होंने बताया कि इस विषय को लेकर बीते रोज राजकीय महाविद्यालय शिक्षा संगठन केंद्रीय कमेटी एक वर्चुअल बैठक भी आयोजित हुई है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि कमेटी शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर, शिक्षा मंत्री और सरकार को ज्ञापन भी सौंपेगी। ताकि धरातल पर बिना किसी इंतजाम के इस नीति को लागू न किया जा सके। @A1