ऊना, 29 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा सोमवार को प्लस टू का रिजल्ट घोषित कर दिया गया। प्लस टू आर्ट्स में ऊना जिला मुख्यालय के डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा अर्षिता कैंथ ने प्रदेश भर में पहला स्थान हासिल किया। जबकि इसी विद्यालय से प्लस टू कॉमर्स की छात्रा ईशा ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल करते हुए माता-पिता विद्यालय और जिला का नाम रोशन किया है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा रिजल्ट घोषित करने के तुरंत बाद छात्राएं अपने स्कूल पहुंची। जहां स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों ने मुंह मीठा करवाकर मेधावी छात्राओं को बधाई दी। दोनों मेधावी छात्राओं ने अपनी सफलता के लिए माता-पिता के साथ-साथ अध्यापकों को भी श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इस मुकाम को हासिल करने में मेहनत लगी है, लेकिन इस मेहनत के साथ-साथ स्कूल में अध्यापकों का सहयोग और घर में परिजनों की मदद ने चार चांद लगाए हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा सोमवार को घोषित किए गए 10 जमा 2 के वार्षिक परीक्षा परिणाम में जिला ऊना के डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने आर्ट्स और कॉमर्स में मेरिट में स्थान हासिल करते हुए जिला का नाम प्रदेश भर में रोशन किया है। प्लस टू आर्ट्स में प्रदेश भर में पहला स्थान का हासिल करने वाली डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा अर्षिता कैंथ ने अपनी सफलता के लिए स्कूल के अध्यापकों और माता-पिता को श्रेय दिया है।
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उन्होंने कहा कि इस मुकाम को हासिल करने के लिए निश्चित रूप से कड़ी मेहनत की है, लेकिन आज वह मेहनत सुखद एहसास के रूप में सामने आई। अर्षिता का कहना है कि वह आगे चलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनना चाहती हैं। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा भी दी।
दूसरी तरफ प्रदेश भर में प्लस टू कॉमर्स में तीसरा स्थान हासिल करने वाली इसी स्कूल की छात्रा ईशा ठाकुर का कहना है कि वह बैंकिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य निर्माण करना चाहती हैं। उन्होंने अपनी कामयाबी के लिए स्कूल के अध्यापकों के साथ-साथ अभिभावकों के सहयोग को भी सराहा। ईशा ठाकुर का कहना है कि परिश्रम का कोई भी विकल्प नहीं है परिश्रम के दम पर कोई भी व्यक्ति जीवन में कोई भी बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है।
ईशा ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी सोशल मीडिया पर अधिक समय व्यतीत करती है। हालांकि यह गलत नहीं है, लेकिन यदि सोशल मीडिया और मोबाइल फोन जैसे गैजेट्स का अपनी शिक्षा के लिए सकारात्मक प्रयोग किया जाए तो यह है निश्चित रूप से फलीभूत होता है।
@R1