चंडीगढ़, 29 अप्रैल : आखिरकार कांग्रेस हाईकमान ने टिकटों के आबंटन में हरियाणा के दिग्गज कांग्रेसी लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समक्ष सरेंडर कर दिया। कुल घोषित 8 टिकटों में से 7 टिकट भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थकों को मिले हैं। शैलजा को छोड़ दें तो बाकी सीटों पर हुड्डा के विरोधियों की एक भी नहीं चली। आलाकमान ने लंबे समय के बाद टिकटों की घोषणा की।
टिकट आबंटन में जातिगत गणित के अलावा युवाओं का समावेश कर कांग्रेस प्रभारी केसी वेणु गोपाल ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव की बिसात बिछाने में पूर्ण सहयोग किया है। उनके विरोधियों से वेणुगोपाल ने क्या सेटिंग की है, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है। शैलजा-सुरजेवाला-किरण चौधरी गुट को टिकट आबंटन में खास तवज्जो नहीं मिली है।
तगड़ा झटका भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मांग रही पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की पुत्रवधू किरण चौधरी को लगा है। यहां उनकी बेटी श्रुति चौधरी टिकट की दौड़ में आगे चल रही थी। मगर ऐन वक्त पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने समर्थक राव दान सिंह को टिकट दिलाने में सफल रहे।
वहीं, सबसे हाॅट माने जाने वाली हिसार सीट पर हुड्डा विरोधी गुट भाजपा से कांग्रेस में लौटे पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह के सुपुत्र व निवर्तमान सांसद विजेंद्र सिंह के लिए टिकट चाहता था। यहां भी हुड्डा ने विरोधियों की एक नहीं चलने दी। हुड्डा ने अपने समर्थक जय प्रकाश उर्फ जेपी को टिकट दिलाकर पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पुत्र चंद्रमोहन का भी पत्ता साफ कर दिया।
टिकट आबंटन से साफ पता चल रहा है कि कांग्रेस आलाकमान छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। हुड्डा ने अपने बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्यसभा का सदस्य होने के बावजूद रोहतक से टिकट दिलाकर अपनी ताकत का अहसास यहां भी करवाया। वहीं, सोनीपत से उन्होंने अपने समर्थक व ब्राह्मण नेता सतपाल ब्रह्मचारी को कांग्रेस टिकट पर मैदान में उतारा है।
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युवाओं का ध्यान रखते हुए हुड्डा ने एक तीर से दो निशाने साधे। अपने पुत्र दीपेंद्र के साथ-साथ उन्होंने अंबाला से पूर्व मंत्री फूलचंद मुलाना के पुत्र वरुण चौधरी को टिकट दिलवा दिया। वरुण काफी युवा हैं। वहीं, करनाल सीट से भाजपा के मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ यूथ कांग्रेस हरियाणा के अध्यक्ष व 31 वर्षीय युवा दिव्यांशु बुद्धिराजा का टिकट फाइनल करवा दिया। दिव्यांशु पंजाबी समुदाय से संबंध रखते हैं। करनाल सीट पर पंजाबी समुदाय का वोट बैंक सबसे बड़ा है।
वहीं, फरीदाबाद से उनके समर्थक व पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप को टिकट मिला है। शैलजा जो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहती थी, उन्हें कांग्रेस से भाजपा में गए अशोक तनवर के खिलाफ सिरसा से टिकट मिला है।
गुरुग्राम का टिकट अभी डिक्लेअर नहीं किया गया है। यहां से कैप्टन अजय सिंह यादव को मात देने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने फिल्मी सितारे राज बब्बर का नाम आगे कर दिया है। हुड्डा नहीं चाहते कि कैप्टन यादव या उनके बेटे को यहां से टिकट मिले। उधर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के थपकी देने के बाद राज बब्बर ने हाईकमान को चुनाव लड़ने के लिए हामी भर दी है। कुल मिलाकर अभी तक 10 सीटों में से 8 सीटों पर टिकट डिक्लेअर हुए हैं।
कुरुक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी के साथ समझौते में उनके खाते में गई है। शैलजा को छोड़कर हुड्डा ने अपने तमाम समर्थकों को टिकट दिलाकर हाई कमान पर अपनी पकड़ का अहसास करवा दिया है। साथ ही हाईकमान को भरोसा दिलाया है कि ये सभी उम्मीदवार जीत कर आएंगे। अब देखना है कि विधानसभा चुनाव से पहले खेले जा रहे सेमीफाइनल में वो कहां तक सफल रह पाते हैं।
@A1