शिमला, 28 मार्च : होली पर जुन्गा में बस के चालक-परिचालक के साथ हुई मारपीट के उपरांत एचआरटीसी शिमला ने पुराना जुन्गा के लिए जाने वाली सभी बसें बंद कर दी थी। जिस बारे में जुन्गा क्षेत्र की जनता में एचआरटीसी के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। जुन्गा के पंकज सेन, पूर्व बीडीसी सदस्य सीमा सेन, कमल शर्मा, रामलाल, राकेश वर्मा, तरूण वर्मा, मनोज वर्मा सहित अनेक बुद्धिजीवी ने संयुक्त बयान में कहा कि एचआरटीसी का यह निर्णय बिल्कुल जनविरोधी है जिससे क्षेत्र के विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, मरीजों और बच्चों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उन्होंने बताया कि बीते कई वर्षों से इस रूट पर पांच बसे चल रही थी जिसे चंद शरारती तत्वों की वजह से बंद करना तर्कसंगत नहीं है। पंकज सेन ने कहा कि चालक-परिचालक भी सामाजिक प्राणी है जोकि दिन रात ड्यूटी देकर समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि होली वाली घटना के उपरांत यदि चालक परिचालक इस रूट पर चलने से अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो इस दो किलोमीटर के रूट में इन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए और इस बारे में एचआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारियों को मामला पुलिस विभाग के साथ उठाना चाहिए। उन्होने बताया कि होली पर हुई इस घटना की पुलिस जांच कर रही है और चार व्यक्तियों को हिरासत में भी ले लिया गया है।
पंकज सेन ने आरएम एचआरटीसी शिमला के बयान को तर्कहीन बताते हुए कहा कि स्थानीय पंचायत प्रधान और विधायक के पास कोई प्रशासनिक शक्तियां नहीं जिससे वह चालक परिचालक को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। उन्होने परिवहन मंत्री से आग्रह किया है कि वाया पुराना जुन्गा की ओर से चलने वाली सभी एचआरटीसी की बसों को तुरंत प्रभाव से आरंभ किया जाए और इस रूट पर चलने वाले चालक परिचालकों को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि इस क्षेत्र की जनता को कोई परेशानी न उठानी पड़े। यदि लोगों की इस मांग को अनसुना किया गया तो लोग आन्दोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगें।
एचआरटीसी शिमला यूनिट -3 के क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद कुमार शर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होने बताया कि पुराना जुन्गा रूट पर पुनः बस सेवा आरंभ करने के लिए जब तक स्थानीय प्रधान अथवा विधायक चालक परिचालक की सुरक्षा की जिम्मेवारी नहीं लेते तब तक इस रूट पर बसे चलाना जोखिम भरा कार्य है क्योंकि इस रूट पर चलने के लिए सभी चालक परिचालक मना कर रहे हैं।