शिमला, 28 मार्च : हिमाचल यूनिवर्सिटी ( HPU) पीएचडी में प्रवेश परीक्षा की बजाय नेट स्कोर (Net Score) के आधार पर दाखिला देगी। यूजीसी (UGC) ने पीएचडी में दाखिले के लिए नियमों में बदलाव किया है। दरअसल, पीएचडी में दाखिले के लिए अब उम्मीदवारों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी।
शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) स्कोर के आधार पर पीएचडी में भी दाखिला मिलेगा। नए नियमों के तहत नेट पर्सेंटाइल (Net Percentile) के आधार पर तीन श्रेणियों में लाभ मिलेगा। जिन उम्मीदवारों का नेट पर्सेंटाइल अधिक होगा, वे श्रेणी-1 में होंगे। वो जेआरएफ (JRF) सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor) के साथ पीएचडी दाखिले व फेलोशिप (Fellowship) के लिए भी योग्य होंगे। इन्हें पीएचडी में दाखिले के लिए इंटरव्यू (Interview) में हिस्सा लेना होगा। श्रेणी-2 में मध्यम पर्सेंटाइल वाले सहायक प्रोफेसर और पीएचडी दाखिले के लिए योग्य माने जाएंगे। इसके बाद सफल, लेकिन सबसे कम पर्सेंटाइल वाले उम्मीदवार श्रेणी-3 में होंगे। ये सिर्फ पीएचडी दाखिले के लिए ही योग्य होंगे। नतीजों के प्रमाणपत्र में उम्मीदवार की श्रेणी दी जाएगी।
पांच सौ से अधिक है पंजीकरण
एचपीयू की बात करें तो यहां पर पांच सौ से अधिक रिसर्च स्कॉलर पंजीकृत (Research Scholar Enroll) हुए हैं। हर विभाग में एक गाइड के अंडर करीब आठ स्टूडेंट पीएचडी करते हैं। कई नौकरीपेशा भी पीएचडी करने के लिए विवि आते हैं। ऐसे में उन्हें इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। बदलाव के बाद समय अधिक मिलने से हिमाचल के पीएचडी करने वाले रिसर्च स्कॉलर को फायदा होगा।
ऐसे होगा दाखिला
पीएचडी दाखिले के लिए श्रेणी-2 व श्रेणी-3 के अभ्यर्थियों के नेट पर्सेंटाइल को 70 फीसदी वेटेज (weightage) में बदला जाएगा। वहीं, इंटरव्यू का 30 फीसदी वेटेज होगा। इन दोनों श्रेणी में नेट स्कोर सिर्फ एक साल के लिए मान्य होगा। यदि इस अवधि में पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला नहीं ले पाते, तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। अभ्यर्थी को फिर से नेट पास करना होगा।