शिमला, 25 मार्च : हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की चार सीटों पर कांग्रेस नए चेहरे उतारेगी। पिछला लोकसभा चुनाव लड़ चुके नेताओं को इस बार दोबारा उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। खास बात यह है कि कांग्रेस चारों सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने में जल्दबाजी नहीं करेगी। नामांकन से चंद रोज पहले यानी मई के पहले हफ्ते में कांग्रेस अपने उम्मीदवारों का एलान करेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को मीडिया के सवालों पर बताया कि कांग्रेस सभी चारों सीटों पर नए चेहरों को मौका देगी। संगठन में लंबे समय तक काम कर चुके व जीतने की क्षमता रखने वाले कर्मठ कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव में उतारा जाएगा। चारों उम्मीदवारों के सम्बंध में पार्टी हाईकमान से चर्चा हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा नामांकन दाखिल करने से 48 घंटे या एक हफ्ता पहले होगी। मुख्यमंत्री के इस बयान से चारों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा होने में एक माह से ज्यादा समय लगेगा।
दरअसल हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान आखिरी चरण में पहली जून को होगा। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा सात मई को लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ नामांकन का सिलसिला शुरू होगा, जो 14 मई तक चलेगा। मुख्यमंत्री के बयान के मुताबिक कांग्रेस नामांकन से 48 घंटे पहले यानी 5 मई या एक हफ्ता पहले यानी पहली मई के आसपास अपने उम्मीदवारों का एलान करेगी। ऐसे में चारों सीटों पर कांग्रेस टिकट के चाहवानों को लम्बा इंतज़ार करना पड़ेगा। प्रदेश भर से 36 नेताओं ने कांग्रेस की टिकट के लिए आवेदन किए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी साफ किया है कि पार्टी सभी सीटों पर नए चेहरे उतारेगी। ऐसे में पिछला लोकसभा चुनाव लड़ चुके नेता टिकट की दौड़ से बाहर हो गए हैं। हिमाचल की चार लोकसभा सीटों में मंडी, शिमला, कांगड़ा और हमीपुर शामिल हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिमला सीट से धनीराम शांडिल, मंडी से आश्रय शर्मा, हमीरपुर से रामलाल ठाकुर और कांगड़ा से पवन काजल को उम्मीदवार बनाया था। चारों सीटों पर कांग्रेस की करारी हार हुई थी। मंडी सीट पर 2021 में हुए उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने यह सीट कांग्रेस की झोली में डाली। लेकिन प्रतिभा सिंह ने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है।
कांगड़ा से पिछला चुनाव लड़ने वाले पवन काजल भाजपा के पाले में आ चुके हैं और वर्तमान में विधायक हैं। हमीरपुर सीट पर उम्मीदवार रहे रामलाल ठाकुर इस बार चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। शिमला सीट पर चुनाव लड़ने वाले धनीराम शांडिल वर्तमान में विधायक के साथ सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। विधानसभा में कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद कांग्रेस किसी भी सिटिंग विधायक को टिकट देने का जोखिम नहीं लेगी।