नाहन, 24 मार्च : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नाहन में रविवार को राजयोगिनी डॉक्टर दादी रतन मोहिनी जी (ब्रह्माकुमारीज़ मुख्य प्रशासिका) का शताब्दी महोत्सव एवं साथ ही “अलौकिक होली स्नेह-मिलन समारोह ” मनाया गया।
सेवा केंद्र संचालिका बीके रमा दीदी जी ने दादी रत्न मोहिनी जी के साथ 35 वर्ष का अनुभव साझा करते हुए कहा कि दादी जी जब मात्र 13 वर्ष की थी तब वह ब्रह्माकुमारी के संपर्क में आई। बचपन से ही उनका झुकाव आध्यात्मिक व पूजा-पाठ की तरफ था। पर उन्हें कोई अंदाजा नहीं था कि जिंदगी उन्हें परमात्मा के इतने करीब ले आएगी।
ब्रह्माकुमारी से जुड़ने के बाद उन्होंने कई पदयात्राएं भी की और देश विदेश के सेवा केन्द्रों में सेवाएं दी। उन्होंने 1985 में 40 हज़ार किलोमीटर की 13 यात्राएं की। 2006 में 31 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा की। वे देश के 4600 सेवा केन्द्रों की 46,000 से अधिक बहनों को ब्रह्माकुमारी का प्रशिक्षण दे चुकी है।
दादी जी ब्रह्माकुमारी के युवा प्रभाग की अध्यक्षा और मुख्यालय के कार्मिक विभाग व शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के निदेशक है, युवाओं में मानवीय मूल्यों का संचार करने और उन्हें श्रेष्ठ जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।
होली का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए दीदी जी ने कहा कि होली माना हम सब परमात्मा के हो लिए। होली माना जो बात बीत गई सो बात हो ली। होली माना पवित्र। बीके दीप शिखा दीदी जी ने होली की सभी को मुबारक दी और कहा कि हमें वर्तमान में जीना चाहिए। अब हम व्यर्थ चिंतन को जलाकर सच्ची होली मनाएं। बीके शिवानी दीदी जी ने होली एवं दादी जी के 100 वर्ष पूरे होने की शुभकामनाएं दी।
बीके प्रियंका बहन ने “तू जहां में सच्चा सोना है” गीत सुनाकर मंत्रमुग्ध किया। शताब्दी समारोह के उपलक्ष पर कई भाई बहनों ने अपने अनुभव साझा किए और 100 दीये जलाकर शुभ बधाई दी।
इस अवसर पर सोनिया,रानी बहन, पवन कुमार, राजरानी, अशोक चोपड़ा, बलबीर सिंह, पूर्ण जोशी, पदमा बहन, शालिनी, निकेता, नीलम, राजीव, चंपा, कमलेश, अरुण, यादवेंद्र चौहान, पदम भाई, इत्यादि काफी संख्या में भाई बहन मौजूद रहे।