शिमला,15 मार्च : हिमाचल प्रदेश में सरकार गिराने और विधायकों की खरीद-फरोख्त का षड्यंत्र रचने के आरोपी की शिमला की बालूगंज पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने इस मामले में नामजद दो आरोपितों हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के निष्कासित कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा के पिता सेवानिवृत आईएएस (IAS) राकेश शर्मा को शुक्रवार को पूछताछ के लिए तलब किया था।
अग्रिम जमानत पर चल रहे दोनों आरोपित बालूगंज पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुए। उनके स्थान पर दोनों के वकील थाने पहुंचे। दोनों वकीलों ने पुलिस को आरोपितों के न पहुंच पाने की वजह बताई। उनका कहना था कि इस मामले में आरोपी बनाए गए आशीष शर्मा और राकेश शर्मा अनफिट होने के कारण थाने में नहीं आ पाए। दोनों का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और डॉक्टरों की सलाह पर वे आराम कर रहे हैं। बालूगंज पुलिस ने स्पष्ट किया कि जांच तभी आगे बढ़ेगी, जब दोनों आरोपित थाने में आकर जांच में सहयोग करेंगे।
बता दें कि बीते 12 मार्च को दोनों आरोपितों को हाई कोर्ट से सशर्त अग्रिम जमानत मिली थी। दरअसल एफआईआर (FIR) में नामजद होने के बाद पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाना था। इससे बचने के लिए दोनों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया था। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रंजन शर्मा ने सुनवाई के दौरान मंगलवार को इन्हें सशर्त जमानत दी थी। हाईकोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग देने के निर्देश दिए हैं।
निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और सेवानिवृत्त आईएएस राकेश शर्मा के विरुद्ध शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में 171 ई और 171 सी, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 7 व 8 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। एफआईआर में इन दोनों के अलावा अन्य अज्ञात लोगों को भी नामजद किया गया है। आरोपितों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं। कांग्रेस के दो विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्व गौड़ की शिकायत पर पुलिस ने यह एक्शन लिया है।
शिकायत के मुताबिक बागी विधायक के पिता और निर्दलीय विधायक पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त करने, रिश्वत व पैसों के लेन-देन का आरोप लगा है। इन पर राज्यसभा चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने का भी आरोप है। शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपितों ने सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचा। गगरेट के निष्कासित विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उत्तराखंड में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग
हिमाचल में राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी को हुआ था। उस दौरान उक्त नौ विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में चली गई। भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को पराजित किया। दरअसल क्रास वोटिंग के बाद भी दोनों दलों के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे, जिसके बाद पर्ची के जरिए विजेता उम्मीदवार का फैसला हुआ था।