नाहन, 14 मार्च : सिरमौर रियासत के राज पंडित रमेश मिश्रा का वीरवार देर दोपहर निधन हो गया है। वीरवार को दोपहर करीब 12 बजे शहर के महलात पर दैनिक दिनचर्या के मुताबिक घर से निकले थे। अचानक ही साढ़े 12 बजे के करीब तबीयत बिगड़ने पर तत्काल ही मेडिकल कॉलेज (Medical College Nahan) ले जाया गया। हालत स्थिर होने पर कुछ ही देर में चिकित्सकों ने छुट्टी भी दे दी।
कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, जैसे ही वो घर अपर स्ट्रीट (Upper Street) पहुंचे, तबीयत दोबारा बिगड़ गई। संभवतः घर में ही प्राण त्यागे। इसके बाद बेटे दोबारा अस्पताल ले गए, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मिलनसार स्वभाव के दिवंगत रमेश मिश्रा के निधन पर समूचे शहर में शोक की लहर पैदा हो गई है। वो हमेशा ही शहर की उन्नति के मकसद से धार्मिक अनुष्ठानों को आयोजित करने में सक्रिय रहते थे।
कुछ अरसा पहले लक्ष्मी नारायण मंदिर (Lakshmi Narayan Mandir) में भव्य भागवत कथा का आयोजन करवाने के भी सूत्रधार बने थे। दिवंगत रमेश मिश्रा का भागवत के आयोजन के पीछे मकसद था कि मोहल्ले की नौजवान पीढ़ी खूब तरक्की करे। मधुर व धीमी वाणी से अक्सर ही सबकी बात सुना करते थे।
करीब 71 वर्षीय रमेश मिश्रा ने 1972 में संस्कृत कॉलेज से आचार्य की उपाधि हासिल की थी। 2012 में विक्रमबाग से शास्त्री के पद से सेवानिवृत्त हुए।
चार भाईयों में तीसरे नंबर के दिवंगत रमेश कुमार मिश्रा के पिता स्वर्गीय पंडित बैजनाथ व उनके बड़े भाई दिवंगत सुमेर चंद मिश्रा की गिनती रियायतकाल में उच्चकोटि के विद्वानों में होती रही है। दिवंगत रमेश मिश्रा अपने पीछे दो बेटों सचिन व गौरव का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
वन विभाग में वन परिक्षेत्र अधिकारी (forest range officer) के पद से सेवानिवृत छोटे भाई योगेश मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार सुबह 10 बजे अंत्येष्टि की जाएगी। उधर, समाज के अलग-अलग वर्गों ने स्वर्गीय रमेश मिश्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।