मंडी, 10 मार्च : बाबा भूतनाथ की जलेब में नागा व अघोरी साधुओं को लेकर कई दिनों तक चले विवाद के बाद रविवार को नागा व अघोरी साधुओं के बिना ही बाबा भूतनाथ की जलेब धूमधाम के साथ निकाली गई। व्यास नदी के तट से शुरू होकर यह जलेब शहर का चक्कर काटते हुए यह जलेब पुनः व्यास नदी के तट पर संपन्न हुई।
बता दें कि शिवरात्रि महोत्सव के दौरान बाबा भूतनाथ की जलेब को लेकर नागा व अघोरी साधुओं के शामिल होने पर पिछले कई दिनों से विवाद चला हुआ था। इस जलेब को लेकर मंडी शहर की जनता भी दो हिस्सों में बंटी हुई थी। कुछ लोग नागा साधुओं को शामिल करना चाहते थे तो वहीं कुछ छोटी काशी की परंपरा व संस्कृति का हवाला देते हुए इसका विरोध कर रहे थे। जिससे बाद स्थानीय प्रशासन ने जन भावनाओं का तर्क देते हुए नागा साधुओं के जलेब में शामिल न होने की बात कही थी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को अघोरी व नागा साधुओं के बिना छोटे काशी में बाबा भूतनाथ की जलेब यानी शोभायात्रा निकाली गई।
बाबा भूतनाथ की इस जलेब में श्रद्धालुओं के साथ साधु-संतों ने भी भाग लिया। जलेब में भगवान भोलेनाथ के भजनों पर झूमते-नाचते हुए श्रद्धालुओं व भक्तजनों ने पूरे शहर का चक्कर लगाया। इस मौके पर बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने कहा कि सभी के सहयोग से इस जलेब का आयोजन किया गया है। इसके माध्यम से जहां पूरे शहर की परिक्रमा की गई। वहीं भोले बाबा का आशीवार्द भी लोगों को दिलाया गया। उन्होंने बताया कि कई बाधाओं के बाद शहर में यह जलेब निकाली गई है। हर वर्ष इसी तरह बाबा भूतनाथ की जलेब निकाली जाएगी।
बता दें शिवरात्रि महोत्सव के दौरान छोटी काशी मंडी में बाबा भूतनाथ की दो जलेब अलग से निकाली जाती हैं। पहली जलेब महाशिवरात्रि के दिन व दूसरी जलेब अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दूसरे दिन निकाली जाती है।