मंडी, 23 फरवरी : पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह में प्रस्तावित अतंर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को बल्ह के बजाय जाहू में बनाने की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है। शुक्रवार को सरकाघाट विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे व नवाही वार्ड जिला परिषद सदस्य मुनीश शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन से मिला और हजारों लोगों के हस्ताक्षरों के साथ जाहू में हवाई अड्डा बनाने का एक मांग पत्र उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रेषित किया।
मांगपत्र सौंपने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए मुनीष शर्मा ने बताया कि जाहू में कई बीघा जमीन बंजर पड़ी है और पिछले लंबे समय से यहां पर हवाई अड्डे की मांग की जाती रही है। जाहू में हवाई अड्डा बनाने के समर्थन में उन्होंने 77 दिनों में 300 से अधिक गांवों में घर-घर जाकर जनता से संवाद किया और उनके हस्ताक्षर लिए हैं।
जाहु का क्षेत्र भूगौलिक रूप से हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित है और यह क्षेत्र तीन जिलों मंडी, हमीरपुर व बिलासपुर का केंद्र है। यह जगह जलवायु के अनुसार हवाई अड्डे के निर्माण के लिए उपयुक्त है और यहां बड़ी हवाई पट्टी के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध है। यहां पर बल्ह की तुलना में एक चौथाई बजट में हवाई अड्डे का निर्माण संभव है। जाहू क्षेत्र को टनल के माध्यम से सड़क मार्ग द्वारा कीरतपुर-मनाली फोरलेन से जोड़ना भी संभव है। जिसके बाद जाहू क्षेत्र व बल्ह क्षेत्र की दूरी मात्र 10 -12 किमी रह जाएगी। इसके अलावा इस क्षेत्र को रेल लाइन से जोड़ना भी आसान है।
वहीं मुनीष शर्मा ने कहा कि बल्ह को मिनी पंजाब के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें मुख्य रूप से सब्जी के साथ अन्य नगदी फसलों का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। सर्दियों के मौसम में यहां अधिकांश धुंध व बरसात के मौसम में जैसे बाढ़ हालात पैदा होते हैं। यहां हवाई अड्डे के निर्माण से जहां कई बीघा उपजाउ जमीन नष्ट हो जाएगी वहीं 10 हजार के करीब आबादी को भी पूर्ण रूप से विस्थापित होना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश में मात्र 14.86 भूमि ही कृषि योग्य है और इस जगह पर हवाई अड्डा बनाना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं हैं। इतना ही नहीं बल्ह के किसान भी भूमि अधिग्रहण के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है।