नाहन, 26 जून : हिमाचल के प्रवेश द्वार पर टिंबर ट्रेल (Timber Trail) पर्यटकों के मनोरंजन व घूमने का केंद्र है। लेकिन देसी जुगाड़ में उफनती नदियों को पार करने के लिए ‘झूला’ का इस्तेमाल मजबूरी है। सोमवार को श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के कमलाड़ में गोपाल सिंह ने ‘जर्जर’ झूले का इस्तेमाल उफनती जलाल नदी (Jalal River) को पार करने के लिए किया था।
अचानक ही झूला नदी के बीचोंबीच अटक गया। किस्मत अच्छी थी, मोबाइल का इस्तेमाल कर गोपाल वालों से संपर्क करने में सफल हो गया। गरजाड़ा में फंसे गोपाल सिंह को स्थानीय लोगों ने तकरीबन दो घंटे के प्रयास से सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया।
हालांकि, हिमाचल में बारिश के कारण नदियों व खड्डों में फंसने वालों को रेस्क्यू करने के समाचार लगातार मिल रहे हैं, लेकिन इस तरह का किस्सा पहली बार ही सामने आया है। कमलाड़ पंचायत में इस घटना के बाद ग्रामीणों में रोष बढ़ गया है। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक काटल से गरजाड़ा को जोड़ने वाला झूला जर्जर हालत में है। इलाके के हजारों लोग झूले के आसरे होते हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक रविवार को भी एक बीमार व्यक्ति नदी में फंस गया था। बमुश्किल उसे भी सुरक्षित निकाल कर अस्पताल पहुंचाया गया था। ग्रामीणों का कहना था कि जिलाधीश द्वारा बारिश से पहले जर्जर झूलों की मरम्मत के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन स्थानीय स्तर पर आदेशों की पालना नहीं की गई। लिहाजा, ग्रामीणों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द झूले की मरम्मत करवाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना था कि आपातकालीन स्थिति में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चे भी नदी को पार करने पर विवश होते हैं। कुल मिलाकर गोपाल सिंह ने भी हिम्मत नहीं हारी। इस कारण ग्रामीणों की रेस्क्यू टीम उसे बचा पाने में सफल हो गई।