शिमला/ प्रकाश शर्मा : इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि शिक्षा का व्यवासीकरण हो रहा है। शिक्षा इसलिए भी महंगी हो रही है, क्योंकि अभिभावक सरकारी स्कूलों को दरकिनार कर निजी स्कूलों (Private Schools) में बच्चों के दाखिले करवा रहे हैं। तर्क यह दिया जाता है कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता (Quality Education) में गिरावट आ रही है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी 12वीं के नतीजे में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों ने सीमित संसाधनों में शानदार प्रदर्शन करते हुए मेरिट सूची में जगह बनाकर साबित किया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर है। मेरिट लिस्ट सामने में शीर्ष स्थानों पर सरकारी स्कूलों का परचम लहराया।
तीन संकायों के मेरिट सूची के टॉप थ्री (Top-3) में सरकारी स्कूलों के 12 छात्रों ने दबदबा बनाया। बता दे कि विज्ञान ,कॉमर्स व कला संकायों के टॉप थ्री में 17 विद्यार्थियों ने स्थान अर्जित किया जिसमें 12 छात्र सरकारी स्कूलों के है। तीनो ही संकायों में सरकारी स्कूलों ने टॉपर दिए है। इसमें एक तो सिरमौर जिला के बेहद ही रिमोट(Remote School) इलाके का स्कूल भी शामिल है। स्टूडेंट्स (Students) की सफलता (Success) पर प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education) भी गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

विज्ञान संकाय
अक्सर अभिभावक साइंस पढ़ाने के लिए बच्चों का दाखिला (Admission) निजी स्कूलों में करवाते है। तर्क दिया जाता है कि सरकारी स्कूलों में साइंस (Science) की पढ़ाई निजी स्कूलों (Private Schools) की तुलना में बेहतर नहीं होती। लेकिन इस बार सरकारी स्कूल के होनहार विद्यार्थियों ने विज्ञान संकाय (Science Stream) की मेरिट लिस्ट में टॉप-3 स्थानों पर कब्ज़ा जमाकर एक मिसाल पेश की है। गौर करने योग्य बात यह है कि पहले दूसरे व तीसरे स्थान पर कुल 4 विद्यार्थी रहे। सभी बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हैं।
पहले स्थान पर 98.6 % अंकों के साथ ऊना के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की बेटी ओजस्विनी उपमन्यु ने परचम लहराया है। वहीं ऊना जनपद के ही गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल चुरूडू की कनुप्रिया ने 98.2 % अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। तीसरे स्थान पर कांगड़ा के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल हौरीदेवी के अर्णव व ऊना के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल धुसाड़ा का अर्शदीप चौधरी रहा। दोनों ने 98 % अंक हासिल कर अपने-अपने जिलों का नाम रोशन किया।
विज्ञान संकाय में कुल 36 बच्चे मेरिट लिस्ट में शामिल हुए इनमें से 11 अभ्यर्थी सरकारी स्कूल के हैं। जबकि शेष 25 निजी स्कूल में पढ़ने वाले हैं।
वाणिज्य संकाय
वाणिज्य संकाय (Commerce Stream) की बात की जाए तो यहां भी टॉप करने वाली बेटी सिरमौर के सरकारी स्कूल से है। वाणिज्य संकाय की मेरिट लिस्ट में टॉप-3 स्थान पर कुल 4 बच्चे रहे। इनमें से भी दो बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हैं। पहले व तीसरे स्थान पर सरकारी स्कूल की बेटियों ने अपना परचम लहराया। 98.4 % अंकों के साथ गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहां की वृंदा ठाकुर ने पहला स्थान हासिल किया। तीसरे स्थान पर ऊना के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल घनेरी की छात्रा अंकिता रही।
वाणिज्य संकाय में कुल 24 विद्यार्थियों ने मेरिट लिस्ट में अपनी जगह बनाई। यहां 50% से अधिक सरकारी स्कूल के विद्यार्थी शामिल है। 24 में से 13 विद्यार्थी सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हैं।
कला संकाय
कला संकाय में सबसे अधिक कॉम्पिटिशन देखा गया। पहले स्थान पर 4 बच्चों ने बराबर अंक लेकर अपनी जगह बनाई। इन चार अभ्यर्थियों में से भी दो सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे है। गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल पोर्टमोर शिमला की नूपुर कैथ व गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनैली के जयेश शर्मा ने पहला स्थान अर्जित किया।
कला संकाय में कुल 50 बच्चे मेरिट लिस्ट में शामिल हुए। सरकारी स्कूल के शिक्षा की गुणवत्ता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इन 50 होनहार बच्चों में से 43 बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हैं। जबकि निजी स्कूल के महज 7 विद्यार्थी ही इस सूची में अपनी जगह बना पाए।