हमीरपुर, 11 अप्रैल : कर्मचारी चयन आयोग के सचिव जितेंद्र कंवर को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। पुलिस रिमांड के बाद अब कोर्ट ने उन्हें 21 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जितेंद्र कंवर को पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने 4 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
पूछताछ के दौरान ही गिरफ्तार किए गए पूर्व सचिव की हिरासत की अवधि को बढ़ा लिया गया है। इस दौरान विजिलेंस उनसे पेपर लीक मामले के हर पहलू की गहन पूछताछ करेगी। साथ ही जांच की कड़ियों को भी जोड़ने की कोशिश की जाएगी।
क्या है पेपर लीक मामला
बता दें कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की 25 दिसंबर को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा से दो दिन पहले पेपर लीक हो गया था। इस कारण जेओए आईटी की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। पेपर लीक मामले में 23 दिसंबर 2022 को पहला मामला दर्ज हुआ था।
अगले दिन 24 दिसंबर को आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद व उनके दो बेटे निखिल आजाद व नितिन आजाद सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिस महिला उमा आजाद पर पेपर लीक करने का आरोप है, वह चयन आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत थी। एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला और उसके बेटे समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। विजिलेंस ने 28 दिसंबर को जूनियर एडिटर, कंप्यूटर आपरेटर भर्ती पेपर लीक मामले में दूसरा मामला दर्ज किया था। 31 दिसंबर को दलाल संजीव के भाई शाशिपाल को गिरफ्तार किया गया।
पेपर लीक प्रकरण का मुद्दा गरमाने के बाद हिमाचल की सुक्खू सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 21 फरवरी को आयोग को भंग कर दिया। 25 मार्च को ओएमअर सीट से छेड़छाड़ करने वाले दो चपरासी किशोरी लाल व मदन लाल गिरफ्तार किए और 26 मार्च को दोनों को अदालत ने 31 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेजा था।