राजगढ़, 10 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल में रासूमांदर क्षेत्र की उठाऊ सिंचाई योंजना धारटू खाड़ी करीब 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी अधूरी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक उठाऊ सिंचाई योजना की आधारशिला वर्ष 2006 में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीआर मुसाफिर द्वारा रखी गई थी।
2006 के उपरांत चार सरकारों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, परंतु आज तक किसी भी सरकार ने इस योजना की कोई सुध नहीं ली। हालांकि राजनीतिक दलों ने महत्वाकांक्षी सिंचाई योजना के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकी। प्रतिनिधियों ने इस योजना को पूरा करने के लिए कोई प्रभावशाली पग नहीं उठाए, जिसके चलते समूचे रासूमांदर की जनता ठगा सा महसूस करती है।
बता दें कि करीब 18 वर्ष पहले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रासूमांदर क्षेत्र की तीन पंचायतों माटल बखोग, टाली भुज्जल और कोटी पधोग के लिए नाबार्ड के तहत डेढ करोड़ की सिंचाई योजना स्वीकृत की गई थी। जिसकी कुल लंबाई 12 किलोमीटर थी, इस सिंचाई योजना के अंतर्गत तीन पंचायतों की 190 हैक्टयर भूमि को सिंचित करने का प्रावधान किया गया था।
प्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव एवं पूर्व प्रधान अरूण मेहता ने पूर्व भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बताया कि वर्षं 12 सितंबर 2021 को भढ़ोली में आयोजित जनमंच में उनके द्वारा इस मुददे को प्रभावी ढंग से उठाया गया था, जिस पर जल शक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 31 मार्च 2022 तक पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया था। परंतु दो साल बीत जाने के उपरांत भी अभी तक सिंचाई योजना का कार्य ठप्प पड़ा है। उन्होने जनमंच को लंच मंच की संज्ञा देते हुए बताया कि जनमंच में क्षेत्र की एक भी समस्या का समाधान आज तक नहीं हो पाया है।
मेहता ने खेद प्रकट करते हुए बताया कि 18 वर्षों में 12 किलोमीटर लंबी इस सिंचाई योजना का केवल 3 किलोमीटर कार्य किया गया था, जो वर्तमान में जीर्णशीर्ण हो चुका है। उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिन पहले एसई और एक्सियन जल शक्ति विभाग द्वारा इस योजना का जायजा लिया, परंतु बजट न होने बारे इस योजना का लंबित होना बताया गया है। उन्होंने बताया कि 18 वर्षों में किसी भी योजना का निर्माण कार्य की लागत कई गुणा बढ़ जाती है, लेकिन विभाग द्वारा शुरूआती दौर में बजट होने के बावजूद भी इस योजना का निर्माण कार्य से पूरा नहीं किया गया।
उन्होंने योजना के लंबित होने बारे जल शक्ति विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ किसानों को आजतक नहीं मिल सका है और किसान की खेती बारिश पर निर्भर है। अधिशासी अभियंता मुनीष शर्मा ने बताया कि इस योजना के लिए पर्याप्त बजट न होने के कारण लंबित पड़ी है।