शिमला, 09 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथ से सत्ता छिन गई है। मोदी मैजिक, डबल इंजन सरकार के काम और स्टार प्रचारकों की रैलियों के बावजूद भाजपा 25 सीटों पर ही सिमट गई। कई दशकों बाद ऐसा हुआ है कि भाजपा अपने गढ़ हमीरपुर में खाता भी नहीं खोल सकी है। यह पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और उनके बेटे व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का गृह जिला है।
इस चुनाव में लोकसभा के तीन सांसदों अनुराग ठाकुर, सुरेश कश्यप और किशन कपूर का ग्राफ काफी गिर गया है। सुरेश कश्यप प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। उनके शिमला संसदीय क्षेत्र में भाजपा की सबसे खराब हालत हुई है। यहां भाजपा 17 में से 03 सीटें ही जीत पाई है। अनुराग ठाकुर के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा को 05 सीटों पर जीत मिली है। जबकि पिछले विस चुनाव में भाजपा ने यहां से 10 सीटें जीतीं थीं। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा 05 सीटें ही हासिल कर पाईं। इन तीनों संसदीय क्षेत्रों में भाजपा को जबरदस्त नुकसान हुआ है। हमीरपुर, शिमला और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों की 51 सीटों में से 38 सीटों पर भाजपा की हार हुई है। ऐसे में इन सीटों पर भाजपा के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में खतरे की घंटी है।
कांग्रेस की धमाकेदार जीत ने तीनों सांसदों अनुराग ठाकुर, सुरेश कश्यप और किशन कपूर की 2024 के लोकसभा चुनाव की राह कठिन बना दी है। अनुराग ठाकुर को लीड दिलाने वाले हमीरपुर और ऊना जिलों में भाजपा बुरी तरह पिट गई है। कांगड़ा जिला की 10 सीटों में भाजपा की पराजय ने किशन कपूर के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। इसी तरह सोलन और शिमला जिलों में भाजपा को मिली बड़ी हार से सुरेश कश्यप की चुनावी डगर आसान नहीं है। भाजपा को राहत एकमात्र मंडी संसदीय क्षेत्र में मिली है, जहां पार्टी को 17 में से 13 सीटें मिली हैं। दिलचस्प बात यह है कि मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सांसद हैं।