मंडी, 25 नवंबर : माननीय विशेष न्यायाधीश (पोक्सो), जिला मण्डी, हिमाचल प्रदेश, की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। जिला न्यायवादी मण्डी, कुलभूषण गौतम ने बताया कि दिनांक 09/07/2018 को पीडिता की माँ ने अपने पति के साथ पुलिस थाना औट में शिकायत दर्ज करवाई कि दिनांक 07/07/2018 को उसका एक रिश्तेदार उनके घर आया था।
वह थोड़ी देर बाद अपने घर के लिए निकल गया और उसी दौरान 7 वर्ष की पीडिता भी खेलने के लिए घर से निकल गई।पीडिता जब काफी देर तक घर नहीं आयी तो शिकायतकर्ता और उसका पति पीडिता को ढूँढने के लिए निकले और काफी देर तक ढूंढने के बाद पीडिता उनको एक स्कूल के पास मिली, और वह अचेत हालत में थी। वह सारी रात अचेत रही जब सुबह उसको होश आया तो पीड़िता से पूछने पर उसने बताया कि जो रिश्तेदार पिछले दिन उनके घर आया था वह उसको गोद में उठाकर ले गया और उसके साथ गलत काम किया।
शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार दोषी के खिलाफ थाना औट, जिला मण्डी में अभियोग 77/2018 दर्ज हुआ था। मामले की छानबीन सहायक उप निरीक्षक श्याम लाल थाना औट ज़िला मण्डी द्वारा अमल में लायी थी। छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी थाना औट, ज़िला मण्डी द्वारा चालान को अदालत में दायर किया था। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 27 गवाहों के बयान कलम बन्द करवाए थे। उक्त मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक चानन सिंह द्वारा की गयी।
अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उपरोक्त दोषी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 (।ठ) के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 20,000/-जुर्माने की सजा, धारा 363 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 2,000/-जुर्माने की सजा, धारा 366 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 2,000/-जुर्माने की सजा और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 5,000/- जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 2 से 6 माह तक के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई।