चंबा, 11 नवंबर : डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी आशा कुमारी हैट्रिक की दहलीज पर है, जबकि यहां भाजपा वापसी की राह ताक रही है। भाजपा ने इस बार भी वर्ष 2017 में पार्टी प्रत्याशी रहे डीएस ठाकुर पर दांव खेला है। बहरहाल, यहां सरदारी की जंग काफी रोचक हो गई है। वहीं, दूसरी तरफ आप पार्टी के उम्मीदवार मनीष सरीन भी चुनावी मैदान में है। ऐसे में डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस का खेल आप प्रत्याशी बिगाड़ सकते है। 2012 से पहले इस विस क्षेत्र का नाम बनीखेत था।
सियासी आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो डलहौजी में आशा कुमारी सब पर भारी है। एक बार पहले भी 1993, 1998 और 2003 के विधानसभा चुनावों में जीत की हैट्रिक लगा चुकी है। छह बार आशा को इस विधानसभा क्षेत्र से जीत मिली है। इस बार के चुनावों में आशा दूसरी बार हैट्रिक बनाने की दहलीज के साथ-साथ सातवीं जीत के भी करीब है। 2007 में रेणु चड्ढा ने भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ते हुए आशा कुमारी को हराया था। इसके बाद आशा कुमारी को जीत ही मिली है।
2017 में NOTA ने बिगाड़ा था भाजपा का खेल
2017 में भाजपा की हार में नोटा का बहुत बड़ा रोल था। यहां नोटा को 569 वोटों पड़े। जबकि आशा कुमारी की जीत का मार्जिन 556 वोटों का था। यदि भाजपा यहां 569 में से 556 वोट अपने पक्ष में ले लेती तो डीएस ठाकुर यहां से विधायक बन जाते।
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हमेशा होती रही है कड़ी टक्कर
इस विधानसभा क्षेत्र पर 1998 के बाद कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर होती रही है। 1998 में कांग्रेस की आशा कुमारी ने महज 421 वोटों से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में कांग्रेस की आशा कुमारी ने 22,509 वोट हासिल किए थे। वहीं भाजपा की रेणु चड्ढा ने 22,088 बोर्ड हासिल किए थे। भाजपा को 48.17% तो कांग्रेस को 49.09% वोट पड़े थे।
2003 में भाजपा ने एक बार फिर रेणु चड्ढा को आशा कुमारी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा। यहां भी टक्कर फिर कांटे की हुई। आशा कुमारी ने 860 वोटों से यहां जीत हासिल की। आशा कुमारी ने 24,348 तो भाजपा की रेणु चड्ढा ने 23,488 वोट हासिल किए थे।
हालांकि 2007 में रेणु चड्ढा ने कांग्रेस की आशा कुमारी को पटखनी दी। रेणु चड्ढा ने यहां 2065 वोटों से जीत हासिल कर विधानसभा की दहलीज लांघ ली थी।
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2012 में बनीखेत विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर डलहौजी रखा गया। इस विधानसभा चुनाव में आशा कुमारी ने वापसी करते हुए 7 हजार से अधिक वोट लेकर रेणु को हरा दिया था।
2017 में भाजपा ने रेणु चड्ढा का टिकट काटकर डीएस ठाकुर पर दांव खेला। ठाकुर ने आशा कुमारी को कड़ी टक्कर दी। लेकिन आशा कुमारी लगातार दूसरी बार 556 वोटों से चुनाव जीत गई। 2017 में आशा कुमारी ने 24,224 (48.77%) मत हासिल किए थे। वहीं भाजपा के ठाकुर ने 23,668 (47 65%) वोट हासिल किए थे। अब 2022 में भाजपा ने एक बार फिर डीएस ठाकुर पर दांव खेला है।अब देखना ये होगा कि क्या भाजपा यहां वापसी कर पाती है या नहीं।
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मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठा रहे कार्यकर्ता
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि हिमाचल कांग्रेस में सीएम कैंडिडेट की लिस्ट लंबी है। भाजपा बार बार इसी बात को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है। सातवीं बार विधायक बनने की दहलीज पर खड़ी आशा कुमारी हिमाचल की एक वरिष्ठ नेत्री है। लिहाजा, उनके समर्थक आशा कुमारी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठा रहे है। प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो आशा के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहते है।
यह है मुद्दें….
बनीखेत में बस स्टैंड, डलहौजी की सड़कों की हालत खस्ता, किहार क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्किंग सहित क्षेत्र के कॉलेजों में प्राध्यापकों की कमी भी चुनावी मुद्दे में शूमार है। इस विधानसभा में अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। विस क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 20 पंचायतों में स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा जैसी सुविधाओं की कमी है। लिहाजा इस क्षेत्र के लोग इन मांगों को पूरा करने के आधार पर ही वोट देंगे।
मतदाताओं का आंकड़ा
डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में सामान्य वोट का आंकड़ा 74274 और 543 सर्विस वोट है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में यह वोट बंटा है। अकसर डलहौजी से आशा कुमारी को पूरा समर्थन मिला है। जबकि सलूणी आदि क्षेत्रों में भी आशा की अच्छी पकड़ रही है। डीएस ठाकुर ने पिछले पांच सालों में खूब मैदान और पहाड़ों में जनसंपर्क अभियान छेड़ा है।
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उम्मीदवारों की चल एवं अचल संपत्ति
डलहौजी से कांग्रेस की मौजूदा विधायक व वरिष्ठ नेत्री आशा कुमारी के करोड़ों की संपत्ति है। नामांकन के दौरान चुनाव आयोग में दिए हलफनामे के मुताबिक उनकी 1.23 करोड़ की चल और 4.16 करोड़ की अचल संपत्ति है। चल संपत्ति में उनके सेविंग के नाम पर कई बैंक खाते, एफडीआर और पॉलिसियां हैं। आशा कुमारी के पास 48 लाख के गहने हैं। उनके पास दो लग्ज़री गाड़ियां और एक स्कूटी भी है। अचल संपत्ति में उनके नाम कृषि भूमि के अलावा शिमला, चम्बा, हरियाणा और दिल्ली में रिहायशी मकान हैं। उन पर 32.94 लाख की देनदारियां हैं। उन्होंने एग्रीकल्चर, हाउस और कार के लिए अलग-अलग कर्ज़ उठाया है। आशा कुमारी की उच्चतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक है। वर्ष 1977 में उन्होंने भोपाल विवि से स्नातक की है।
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डलहौजी में भाजपा ने एक बार फिर पुराने प्रत्याशी डीएस ठाकुर को चुनावी अखाड़े में उतारा है। 55 वर्षीय डीएस ठाकुर व्यवसायी हैं। उनके पास अकूत संपत्ति है। नामांकन के दौरान चुनाव आयोग को दिए हलफनामे पर नजर दौड़ाएं तो वह 15.77 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। उनकी चल संपत्ति 14.64 करोड़ और अचल संपत्ति 1.13 करोड़ है। उनका 101 एफडीआर में पैसा जमा है।
इसके अलावा उनके बैंक में सेविंग और करंट अकाउंट हैं। डीएस ठाकुर का स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट है। इसमें उन्होंने चार टिप्पर, टैंकर, ट्रैक्टर और जेसीबी रखी है। उन पर 69.55 लाख और पत्नी पर 15 लाख की देनदारियां हैं। डीएस ठाकुर की शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास है।