नाहन, 06 अक्तूबर : परिवार की पृष्ठभूमि व्यापार से जुड़ी है। छोटे से शहर में जन्म हुआ। ये दो बातें, जेईई एडवांस (JEE Advance) में देश भर में 4762 रैंक हासिल करने वाले अंश अग्रवाल की सफलता में मायने रखती हैं। अमूमन छोटे शहरों में बिजनेस परिवार से जुड़े बच्चे विरासत में मिल रहे कार्य को ही संभालते हैं, लेकिन अंश अग्रवाल ने देश की कठिन परीक्षा में बड़ी कामयाबी हासिल कर प्रेरणादायक इबारत लिखी है।
पहले कैरियर अकादमी के छात्र अंश अग्रवाल ने जेईई मेन्स (JEE Mains’)की परीक्षा में लगभग 10 लाख आकांक्षियों की परीक्षा में 11,807वां रैंक हासिल किया। 98.7 पर्सेंटाइल हासिल कर ली। इसके बाद अंश के सामने एडवांस परीक्षा की चुनौती थी। सब कुछ भुलाकर अंश पूरी तरह से द्वितीय चरण की परीक्षा पर केंद्रित रहा।
जेईई एडवांस की परीक्षा में लगभग डेढ़ लाख छात्रों ने हिस्सा लिया। नतीजा आने पर कैरियर अकादमी के प्रबंधन के साथ-साथ परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब पता चला कि अंश ने देश भर में 4762 रैंक सामान्य कैटेगरी में हासिल किया है। बता दें कि अंश के पिता राजीव अग्रवाल कच्चा टैंक में थोक विक्रेता हैं, जबकि मां सानिया अग्रवाल एक गृहिणी हैं।
ये बताए सफलता के मूलमंत्र….
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत के दौरान अंश से भी सीधा वही सवाल पूछा गया कि सफलता को क्यों असाधारण माना जाए। इसके जवाब में अंश ने कहा कि देश भर के 10 लाख छात्रों में 4762 रैंक पर पहुंचना आसान नहीं था। दो-तीन साल तक दोस्त, सोशल मीडिया, पारिवारिक कार्यक्रमों इत्यादि से दूरी बनानी पड़ी।
#WATCH || JEE/Advance 2022-AIR 4762:हिमाचल के अंश अग्रवाल की सफलता का राज
अंश ने एक सवाल के जवाब में कहा कि स्कूल के साथ-साथ कोचिंग में रोजाना 10 से 12 घंटे का समय लगाया। पढ़ाई के अलावा सोना व खाना ही रहा। अंश ने कहा कि अकादमी का स्टाफ अनुभवी है। इसका फायदा परीक्षा में मिला।
अंश ने साफ किया कि बीटेक की पढ़ाई के बाद वो यूपीएससी की परीक्षा नहीं देंगे। उन्हें बीटेक के बाद कैट की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईआईएम से एमबीए करनी है। अंश ने भी यही कहा कि जेईई के आकांक्षियों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से दूर रहना चाहिए। लेकिन हां, कामयाबी के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है।
खबरों के अपडेट को लेकर अंश अग्रवाल का कहना था कि जब कभी भी समाचार पढ़ने का मन करता तो गूगल पर एमबीएम न्यूज को सर्च करते थे। उन्होंने कहा कि आईआईटी रूड़की (IIT Roorkee) में कैमिकल के ट्रेड में सीट कन्फर्म है, लेकिन वो अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।
ये बोले मनोज राठी….
कैरियर अकादमी के समन्वयक मनोज राठी ने कहा कि वैसे तो हर साल नीट व जेईई मेन्स में स्टूडेंट्स सफलता अर्जित करते हैं, लेकिन अंश की सफलता को सामान्य नहीं माना जा सकता। संभव है कि जब से अकादमी शुरू हुई है, तब से आज तक जेईई एडवांस में ये रैंक हासिल करने वाला अंश पहला होगा। यही बात मनोज राठी ने शशांक के लिए भी दोहराई। उन्होंने कहा कि शशांक का देश भर में 88वां रैंक भी मायने रखता है।
गौरतलब है कि अंश ने प्रारंभिक पढ़़ाई कैरियर अकादमी में नहीं की थी। अकादमी के समन्वयक का ये भी कहना है कि ये जरूरी नहीं है कि दसवीं तक जो छात्र कम अंक लेता है, वो 12वीं की परीक्षा के आधार पर जेईई व नीट में शानदार प्रदर्शन नहीं कर सकता है। आवश्यकता केवल स्टूडेंट की क्षमता को पहचान कर तराशने की होती है।