शिमला, 12 सितंबर : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) अपने जीवन की सबसे शानदार महादशा से गुजर रहे है। गूगल (Google) से प्राप्त उनकी जन्म कुंडली (Janam Kundli) के अनुसार जयराम का जन्म कन्या लग्न व मकर राशि (Capricorn) में हुआ है। मकर राशि का स्वामी शनि उनकी कुंडली में मजबूत होकर छठे स्थान में अपनी ही राशि कुम्भ में बैठा है। लग्न में मंगल व तृतीयेश स्थान में बुध ग्रह ने बैठ कर परिवर्तन राजयोग का निर्माण किया है।
जयराम के लग्नेश व दशमेश बुध ने कुंडली के तृतीय स्थान में बैठकर उन्हें अच्छा स्वास्थ्य व प्रबल राजयोग प्रदान किया है। वहीं कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण ग्रह शनि स्वक्षेत्री होकर शत्रु स्थान छठे भाव में अपनी ही राशि कुम्भ (Aquarius) में विराजमान है। मानसागरी व पराशर संहिता के अनुसार ऐसा व्यक्ति प्रबल शत्रु हन्ता यानी शत्रुओं को पराजित करने वाला होता है।
वहीं शनि उनकी कुंडली में पंचमेश का भी मालिक है जो दर्शाता कि उनके शत्रु बहुत होंगे मगर सामने से उनका कुछ बिगड़ नहीं पाएंगे। वह अपने बुद्धि चातुर्य से शत्रुओं को निपटाने में सक्षम होंगे। पांचवे वाणी के घर में चंद्र उन्हें मृदुभाषी बनाया है। वह शत्रुओं पर जुबानी हमला भी बड़े तहजीब से करते है। चंद्र के कारण वह हमेशा अनर्गलर ब्यानबाजी से बचते रहेंगे। चौथे घर में सूर्य उन्हें जनाधार वाला नेता बनाता है। सूर्य की दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि उन्हें मतदाताओं में लोकप्रिय बनाती है। ऐसे व्यक्ति के पीछे भीड़ उमड़ती है।
वहीं राजनीति का कारक ग्रह राहु उनके भाग्य स्थान में बैठकर उन्हें राजनीति (Politics) में उच्च पद प्राप्ति की और इशारा करता है। कलयुग में राहु प्रबल राजयोगकारी ग्रह है। जयराम इसी कारणवश प्रदेश पार्टी के अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) व अब मुख्यमंत्री जैसे पद पर पहुंचे है। 2025 तक उन्हें शनि की महादशा चल रही है। 2017 में जिस प्रकार से शनि ने उनके प्रतिद्वंदियों को परास्त कर उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर बिठाया था, उसी प्रकार शनि 2022 के आगामी विधानसभा चुनावों में भी अप्रत्याशित तरीके से उन्हें दोबारा बहुमत हासिल करने की और इशारा कर रहा है।
मगर 2025 के बाद जयराम के सितारे राजनीति में अच्छे नहीं है। राजनीतिक शत्रु उन्हें उल्टी-सीधी चालें चलकर राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेल सकते है। दशमांश कुंडली में सूर्य दसवें घर में होने से उन्हें केंद्र की राजनीति में ले जा सकता है। लग्न 15 अंश व शनि 8 अंश होने के चलते उनका स्वास्थ्य सबल रहेगा। लग्न में बैठा मंगल भी उन्हें ऊर्जावान बनाए रखेगा। कुल मिलाकर पिछले जन्म के पुण्य कर्मों ने उन्हें जीवन में उच्च पद प्रदान किया।
शुक्र व बुध की युति से उन्हें पत्नी के रूप में प्रोफेशन से डॉक्टर साधना (Dr. Sadhna) से उनका विवाह करवाया। पत्नी का उनके जीवन में महत्वपूर्ण रोल रहेगा। मगर उनके विवाह स्थान का मालिक बृहस्पति अष्टम में वक्री होने के चलते पत्नी से कभी कभार मन मुटाव भी पैदा करेगा। मंगल की विवाह स्थान पर सातवीं दृष्टि भी पत्नी के स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है। उन्हें मदिरा व मांस के सेवन से परहेज रखने की आवश्यकता है। साथ ही शनि को और मजबूत बनाए रखने के लिए उन्हें झूठे वायदों व ऐलान से परहेज करना होगा। शनि न्याय के देवता है जो झूठ बिल्कुल पसंद नहीं करते।
कुल मिलाकर जयराम के अच्छे ग्रहों में उन्हें एक साधारण परिवार में जन्म देकर भी मुख्यमंत्री जैसे उच्च पद पर पहुंचाया। नवांश कुंडली में मंगल उच्च का होने के चलते उन्हें मेहनती और दृढ़ संकल्प वाला व्यक्तित्व बनाता है। वहीं वह कभी जिंदगी में किसी से द्वेष नहीं रखेंगे। विरोधियों को भी मंगल के चलते सम्मान देंगे।