शिमला, 19 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में मानसून के तल्ख तेवर जारी हैं। राज्य के अधिकतर भागों में जमकर बरसात हो रही है, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है। लगातार बारिश से जगह-जगह भूस्खलन होने से कई सड़कें बंद पड़ी हैं। वहीं कई क्षेत्रों में बिजली गुल है, और पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। फिलहाल मानसून से राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
मौसम विभाग ने आगामी 23 अगस्त तक प्रदेश भर में मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है। 20 और 21 अगस्त को मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 20 अगस्त को सात जिलों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले शामिल हैं। लोगों व सैलानियों को नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी गई है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को भी मुसलाधार बारिश हुई।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को भूस्खलन से 73 सड़कें बंद रहीं। कुल्लू में 31, चंबा में 24, मंडी में 12, सोलन में 3, कांगड़ा में दो और किन्नौर में एक सड़क बाधित रही। इसके अलावा चंबा में दो और मंडी में एक ट्रांसफार्मर बंद रहा। चंबा में सात और लाहौल-स्पीति में एक पेयजल परियोजना भी बंद है। ऊना में दो और मंडी में एक घर बारिश से क्षतिग्रस्त हुआ है। चंबा, हमीरपुर, मंडी और उना में एक-एक पशुशाला भी धराशायी हुई। मंडी में एक दुकान और लाहौल-स्पीति में एक पुल भी ध्वस्त हो गया।
वर्षा जनित हादसों में चार लोगों की मौत हुई, जबकि 21 घायल हुए कुल्लू और मंडी जिलों में सड़क हादसों में दो-दो लोगों की जान गई। सोलन व सिरमौर में आठ-आठ और मंडी में पांच लोग हादसों में चोटिल हुए हैं। कांगड़ा जिला के थूरल क्षेत्र के तहत न्यूगल खड्ड का जलस्तर बढ़ने से 10 लोग फंस गए। फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए क्यूआरटी, सेना और एनडीआरएफ की टीमों द्वारा रेस्कयू आपरेशन चलाया गया है।
बीते 24 घंटों के दौरान गग्गल में सर्वाधिक 218 मिमी वर्षा दर्ज की गई। धर्मशाला में 181, पालमपुर में 85, बैजनाथ में 50, चौरी में 40, जोगेंद्रनगर व सुंदरनगर में 31-31, डलहौजी में 24, गोहर में 16, कसौली में 13, पंडोह व बिजाही में 11-11, जंजैहली व मंडी में सात-सात मिमी वर्षा हुई है।