नाहन, 19 अगस्त : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की 20 अगस्त को चौगान मैदान में सभा को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर नजर आई। 19 अगस्त की सुुबह तक वाटरप्रूफ टैंट खड़ा हो चुका था। करीब 10 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
इसी बीच दिलचस्प बात ये भी है कि चौगान मैदान से चंद मीटर की दूरी पर प्राचीन कालीस्थान तालाब में कमल के फूलों की बहार आई हुई है। हालांकि कमल के फूल पहले भी खिलते आए हैं, लेकिन इस बार पूरे तालाब को ही फूलों के बिछौनों ने जद में ले रखा है।
बता दें कि करीब एक माह पहले ही भाजपा का जिला कार्यालय भी तालाब के एक छोर पर खोला गया था। गत वर्ष नगर परिषद ने कमल के फूलों की खरपतवार को हटाने का सिलसिला समय रहते ही शुरू कर दिया था। लिहाजा, पूरे तालाब में खरपतवार नहीं फैली थी, लेकिन इस साल कमल के फूलों की खरपतवार को नहीं हटाया गया है, इसी कारण ये फूल पूरे तालाब में फैल गए हैं।
निश्चित तौर पर ये कमल के फूल आम लोगों के लिए भी कौतूहल व आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं, क्योंकि अमूमन कमल के फूल के दीदार आसानी से नहीं होते। बेशक ही दलदल में खिलते हैं, लेकिन होते बेहद ही मनमोहक हैं।
गौरतलब है कि हिमाचल की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी में भी कमल के फूलों के दीदार हो जाते हैं। ये भी बहस का विषय होता है कि इन्हें खिलने दिया जाना चाहिए या समय रहते ही रोक देना चाहिए, क्योंकि इससे तालाब की स्वच्छता पर भी असर पड़ता है। वहीं एक तर्क इसकी खूबसूरती से भी जुड़ा हुआ है, साथ ही ये राष्ट्रीय फूल भी है।
जानकारों के मुताबिक तालाब के एक छोर से इन फूलों के खिलने का सिलसिला शुरू हुआ था, जो धीरे धीरे पूरे तालाब में फैल गया।