मंडी, 03 जुलाई : जनपद के खलियार निवासी चैतन्य गुप्ता का नाम विश्व रिकॉर्ड, हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। चैतन्य को संगीत के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए ‘हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स लंदन फॉर आउटस्टैंडिंग वर्क एज ए वोकलिस्ट एंड गिटारिस्ट के अवार्ड से नवाजा गया है। जिसके लिए हार्वर्ड वर्ल्ड रिकार्ड्स लंदन की ओर से चैतन्य गुप्ता को मेडल व सर्टिफिकेट देकर सम्मान दिया गया है। इसी के साथ चैतन्य की ख्याति अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित हो गई है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चैतन्य गुप्ता को यह मेडल पहनाकर सम्मानित किया व उनके परिवार को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि चैतन्य ने विश्व में अपने देश के साथ हिमाचल प्रदेश व जिला का नाम गौरवान्वित किया है।
चैतन्य ने बताया कि ऑनलाइन वेरिफिकेशन के बाद लगभग 6 घंटे तक हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ लंदन की टीम ने उनके गाए गानों व गिटार बजाने का निरीक्षण किया है। जिसके बाद उन्हें इस अवार्ड के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने अपनी वोकलिस्ट व गिटारिस्ट परफार्मेंस से यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस उपलब्धि का श्रेय वह अपने माता-नानी व मामा को दिया है। उन्होंने बताया कि मां के साथ, सहयोग व आशीर्वाद से ही इस उपलब्धि को हासिल कर पाया हूं। उनकी इस सफलता से उनके परिवार के लोगों में काफी खुशी है।
यह रिकॉर्ड बनाने वाले चैतन्य गुप्ता प्रदेश के पहले युवा कलाकार हैं। बचपन से ही गाने का शौक रखते थे। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल की है। संगीत की शिक्षा में प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से दो साल गिटार का डिप्लोमा व 6 साल वोकल की डिग्री हासिल की है। उन्होंने बताया कि मंडी में संगीत सदन अकादमी में वोकल संगीत की शिक्षा अपने गुरु उमेश भारद्वाज, गिटार की शिक्षा मुकेश भट्ट व प्रवीण गुलेरिया तथा पंजाब में गोपीनाथ कमल से ग्रहण की है।
2012 से स्टेज से परफार्मेंस देने का मौका मिला है। जिसके बाद आईआईटी मंडी में एज ए गेस्ट लेक्चर देने का भी अवसर प्राप्त हुआ। शंकर महादेवन के गिटारिस्ट व इंडियन म्यूजिकल प्रोड्यूसर एंड गिटारिस्ट एहसान नूरानी ने इंस्टाग्राम पर हिमाचली फोक जुग जियो धारा रियो गुजरो सुना और हिमाचल के राॅक स्टार का टैग दिया। मार्च 2021 में विश्व भर में भारत सरकार व इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन की ओर से आयोजित क्लासिकल गायकी व नृत्य सुरताल हुनर का कमाल ऑनलाइन प्रतियोगिता में टॉप फाइव प्रतिभागियों में जगह बनाई।
चैतन्य का कहना है कि बचपन से ही वर्ल्ड क्लास आर्टिस्टों को सुन कर संगीत की ओर रुझान बढ़ा। जिसके बाद जब इस ओर कदम बढ़ाने शुरू किए तो काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन मां का भरपूर साथ मिला। पिता ने दो ढाई साल की उम्र से मां से दूरी बना ली थी। जिससे मां के साथ नाना-नानी के घर पर ही रहकर पला हूं।
पिता का साथ न मिलने से मां के संघर्षरत जीवन से प्रेरित होकर एक मुकाम तक पहुंचने की हसरत अंदर जगी है। जिसे पूरा करने के लिए प्रयासरत हूं।