शिमला (एमबीएम न्यूज़) : शिमला के संजौली स्थित सरकारी स्कूल में नवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र पर उसकी छोटी सी कारस्तानी भारी पड़ गई है। छात्र का कसूर महज इतना था कि वह फैशन के तौर पर स्कूल में चूहा लेकर आता था। जिस पर स्कूल प्रबंधन ने उसे स्कूल से निकाल दिया है। स्कूल प्रबंधन ने स्वीकार किया है कि छात्र की नासमझी के कारण यह कदम उठाया गया है। छात्र सुनील प्रवासी मजदूर का बेटा बताया जा रहा है।
स्कूल प्रबंधन की तरफ से यह भी तर्क दिया गया कि 2 साल पहले इस बच्चे ने स्कूल में चोरी भी की थी और एक बार चूहा लेकर ही स्कूल आ गया था, जबकि छात्र का कसूर महज इतना था कि वह एक दिन चूहा लेकर स्कूल आ गया था। स्कूल प्रबंधन के इस तरह के कारनामें व बच्चे के भविष्य को देख गरीब लाचार परिजनों ने अब छात्र का ढली स्थित एक सरकारी स्कूल में दाखिला करवा दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार निष्कासित किया गया छात्र हॉकी में राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी है। झारखंड के रांची में आयोजित हॉकी नेश्नल चैंपियनशिप में भाग ले चुका है। सरकारी स्कूल का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने वाले छात्र के भविष्य को उसी स्कूल के अध्यापकों ने अंधकार में डाल दिया। भले ही यह छात्र पढाई में कमजोर है लेकिन स्पोर्ट्स में काफी अच्छा प्रदर्शन कर चूका है।
प्रवासी छात्र की मां कुतुम देवी का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने उसके बच्चे पर चोरी का आरोप लगाकर उसे स्कूल से निष्कासित किया है। स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल में बुलाकर उसे जबरन एक एप्लीकेशन लिखवाई गई और उसके बाद बच्चे का निष्कासन प्रमाण पत्र दे दिया गया। प्रवासी छात्र के पिता संजीव राव का कहना है कि मजदूरी कर बच्चे को पढ़ाया जा रहा था लेकिन बच्चे को स्कूल में चोरी करने के आरोप लगाकर उसे निष्कासित कर दिया गया। हम गरीब लोग है, हमारी कौन सुनेगा, इसलिए बच्चे को दूसरे स्कूल में डाल दिया गया है ।
इस बीच स्कूल प्रधानाचार्य सुनील सोनी का कहना है कि प्रवासी छात्र सुनील स्कूल में चूहा लेकर आता था, स्कूल में शरारतें भी करता था। दो साल पहले स्कूल में चोरी भी की थी, प्रवासी छात्र को दोबारा स्कूल में दाखिला दे दिया जाएगा अगर वह आवेदन करता है।