नाहन, 25 दिसंबर : हिमाचल में पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं के मद्देनजर व पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नए प्रोजैक्टस को अमलीजामा पहनाने की कवायद तेज कर दी है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी बल दिया जा रहा है। इसी कड़ी में सिरमौर के धार्मिक स्थल चूड़धार चोटी को भी पर्यटन से जोड़ने की कवायद जोर-शोर से शुरू हो गई है। स्वयं केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टवीट कर इसकी जानकारी साझा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल दौरे से दो दिन पूर्व ही यह घोषणा हुई है।
टवीट में केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री ने कहा है कि हिमाचल को अब हाईवे के साथ-साथ रोपवे की सौगात भी मिलेगी। पर्यटन व रोजगार को बढ़ावा देते हुए 5644 करोड़ की लागत से 111.65 किलोमीटर के 13 विश्व स्तरीय रोपवे प्रकल्प प्रस्तावित किए गए हैं। यह निर्माण कार्य नेशनल हाइवे लाॅजिस्टिक्स मैनेजमेंट द्वारा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोपवे निर्माण को लेकर प्रदेश में 50 साइटस की स्वीकृति के लिए एनएचएआई को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें से 13 को मंजूरी मिली है। गडकरी ने कहा कि हिमाचल में पांच टूरिज्म काॅरिडोर को भी सड़क से जोड़ा जाएगा।
इसमें शिमला, कुल्लू-मनाली व धर्मशाला समेत सिरमौर के चूड़धार को भी शामिल किया गया है। नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इंडिया ने रोपवे प्रोजैक्स को लेकर 5644 करोड़ की राशि मंजूर कर दी है। चूड़धार के लिए करीब 8 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है, जिस पर 250 करोड़ खर्च होने हैं। वर्तमान में चूड़धार चोटी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं व पर्यटकों को नौहराधार से करीब 18 किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई करनी पड़ती है। धार्मिक आस्था के चलते हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु चोटी पर पहुंचते हैं। रोपवे निर्माण से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि धार्मिक आस्था को भी मजबूती मिलेगी।
दरअसल रोपवे के निर्माण के पीछे बड़ी वजह सड़कों के चौड़ीकरण में आ रही परेशानी भी है। फोरलेन निर्माण से सड़कों को चौड़ा करने के साथ-साथ पहाड़ों के दरकने का खतरा हर वक्त बना रहता है। ऐसे में रोपवे बेहतर विकल्प के रूप में उभरा है।
हिमाचल दौरे के दौरान केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दुर्गम पर्यटन स्थलों के रोपवे के निर्माण पर बढ़ावा देने पर जोर दिया था। इसके बाद से ही रोपवे के निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई थी। खैर, चूड़धार में रोपवे का निर्माण होने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही सिरमौर पर्यटन के मानचित्र पर अपना स्थान बनाएगा।