शिमला, 03 दिसम्बर : स्टेट सीआईडी ने बद्दी स्थित दवा कंपनी मेसर्स जैनेट फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए कंपनी के मालिक व मैनेजर को गिरफ्तार किया है। उक्त दवा कम्पनी ने प्रतिबंधित दवाओं को बेचने के नकली बिक्री बिल तैयार किए जिनमें नाइट्राजेपाम, कोडीन और एटीजोलम शामिल थे, जिसमें मंडी स्थित थोक दवा डीलर को टैबलेट थे। बद्दी की इस थोक दवा लाइसेंस धारक ट्रेडिंग कंपनी का मुख्यालय हरियाणा के जीरकपुर में है।
स्टेट सीआईडी ने शुक्रवार को कंपनी के मालिक दिनेश बंसल (38) निवासी बरनाला पंजाब और पानीपत निवासी मैनेजर सोनू सैनी (32) को गिरफ्तार किया है।
स्टेट सीआईडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि उन्होंने एनडीपीएस दवाओं को बेचने के नकली बिक्री बिल तैयार किए जिनमें नाइट्राजेपाम, कोडीन और एटीजोलम शामिल थे, जिसमें मंडी स्थित थोक दवा डीलर को टैबलेट थे।
प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि मंडी स्थित ड्रग डीलर को उसके पास से कभी भी ऐसी दवाएं नहीं मिलीं। इसके अलावा यह भी पता चला है कि उसने अपनी टोयोटा इनोवा निजी कार का इस्तेमाल एनडीपीएस दवाओं को राजस्थान, पंजाब आदि में ले जाने के लिए किया था। यह भी एनडीपीएस अधिनियम के नियमों का उल्लंघन है।
प्रवक्ता के मुताबिक जांच के दौरान सामने आया है कि पंजाब में पहले ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 2018-19 के उल्लंघन के लिए थोक दवा लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। मोहाली जिले के जीरकपुर में उनके कार्यालय और गोदाम और बद्दी में गोदाम पर छापा मारा गया है और निरीक्षण अभी भी जारी है। उन्होंने 2019 में बद्दी में अपना थोक दवा व्यवसाय शुरू किया। वह पंजाब के बरनाला में एक फार्मा फैक्ट्री भी चला रहे हैं। यह पाया गया है कि दो वर्षों के भीतर, एनडीपीएस अनुसूचित दवाओं सहित 100 करोड़ रुपये से अधिक की दवाओं का लेन-देन किया गया है।
सीआईडी के मुताबिक यह पाया गया है कि इस फर्म से कई खेप राजस्थान और देश के अन्य हिस्सों में भेजी गई हैं। सीनियर एसपी/स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट के प्रमुख और आईजी/क्राइम की ओवरऑल निगरानी में विशेष टीमें गठित की गई हैं. वे राजस्थान, पंजाब और यूपी में किए गए लेनदेन सहित सभी बिक्री लेनदेन को सत्यापित करेंगे। आगे की जांच से उत्तर भारतीय राज्यों में आरोपी द्वारा चलाए जा रहे संभावित अंतरराज्यीय ड्रग तस्करी सिंडिकेट का पता चलेगा।
दरअसल कार्यालय राज्य औषधि नियंत्रक, हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों से शिकायत प्राप्त होने पर स्टेट सीआईडी ने 30 नवंबर को एनडीपीएस अधिनियम और आईपीसी के 420,468,471 और 120बी में एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले राज्य औषधि नियंत्रक नवनीत मारवाह और उनके अधिकारियों की टीम ने इसके लेनदेन का ऑडिट किया और फर्म की संदिग्ध बिक्री पाई। इस पर उन्होंने राज्य पुलिस से मामले की गहनता से जांच करने का अनुरोध किया।