मंडी, 22 नवंबर : हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा मंडी क्लस्टर विश्वविद्यालय को प्रदेश विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद भी छात्रों को सुविधाएं न मिलने से एबीवीपी खफा है। ऐसे में एबीवीपी मंडी इकाई ने आने वाले समय में आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। इसी कड़ी में सोमवार को मंडी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक गौरव अत्री ने कहा कि अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर परिषद आंदोलन कर रही है।
गौरव ने कहा कि सरकार ने मंडी प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए कमेटी का निर्माण किया है, लेकिन अभी तक कमेटी की बैठक भी नहीं हो पाई है, जो कि चिंता का विषय है। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि मंडी प्रदेश विश्वविद्यालय के सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक्ट लाए और इसे जल्द सुचारू करने की दिशा में कदम उठाए। इसके साथ ही प्रदेश विश्वविद्यालय मंडी के भवन की भूमि का चयन, शिक्षकों और गैर शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति, नए सत्र से विश्वविद्यालय मंडी में कक्षाएं शुरू करने, विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के कोर्स और शोध कार्य शुरू करने और भवन निर्माण को शीघ्र पूरा करने की मांग शामिल है।
गौरव ने बताया कि इसके लिए परिषद ने 22 नवंबर को प्रेस वार्ता, 24 नवंबर को मंडी के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों के माध्यम से सीएम को मांग पत्र, 26 नवंबर को हस्ताक्षर अभियान, 29 नवंबर को सभी महाविद्यालयों में धरना प्रदर्शन, 1 दिसंबर को कमेटी के सदस्यों या विधायकों को ज्ञापन, 2 से 3 दिसंबर तक सांकेतिक भूख हड़ताल, 6 दिसंबर को सभी महाविद्यालयों में रैली और 8 दिसंबर को छात्र हुंकार रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश भर के लगभग 10 हजार छात्र भाग लेंगे।
गौरव ने बताया कि जब तक मंडी विश्वविद्यालय में छात्रों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल जाती, तब तक आंदोलन को जारी रखा जाएगा। मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में विशाल और मालवी पटियाल भी मौजूद रहीं।