मंडी, 17 नवंबर : हिमाचल प्रदेश में नर्सरी कक्षाओं के लिए अध्यापिकाओं की नियुक्ति के लिए दो वर्षीय डिप्लोमा की शर्त को हटाया जाए और नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा तय की गई 35 वर्ष की आयु सीमा को बढ़ाया जाए। यह मांग हिमाचल प्रदेश सरकार से प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापिकाओं ने उठाई है। अपनी मांगों को लेकर बुधवार को भारतीय जनता मजदूर संघ के बैनर तले एनटीटी अध्यापिकाओं ने डीसी मंडी अरिंदम चौधरी के माध्यम से एक ज्ञापन प्रदेश सरकार को भेजा।
सरकार को भेजे गए मांग पत्र में एनटीटी अध्यापिकाओं ने प्रदेश सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर का नियुक्ति करने के फैसले पर आभार जताया है, वहीं अब नियुक्ति के लिए इन्हें पेश आ रही परेशानियों के बारे में भी सरकार को अवगत करवाया गया है। एनटीटी अध्यापिकाओं ने मांग उठाई है कि सरकार दो वर्ष के डिप्लोमा के स्थान पर एक वर्षीय डिप्लोमा की शर्त लगाए, 35 वर्ष की आयु सीमा को बढ़ाकार 45 किया जाए और इनकी बैच वाइज भर्ती की जाए। एनटीटी संघ मंडी जिला प्रधान निशा सैनी ने बताया कि इससे जिला कि लगभग 1500 से ज्यादा एनटीटी टीचर्स को लाभ मिलेगा।
वहीं, इस मौके पर हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री बीर सिंह भारद्वाज ने बताया कि संघ के संघर्ष का ही परिणाम है कि आज प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एनटीटी टीचर्स की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने इस कार्य के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार भी जताया है। उन्होंने भी सरकार से भर्ती नियमों में बदलाव करने की मांग उठाई है ताकि प्रदेश की लगभग 15 हजार एनटीटी अध्यापकों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि अन्य नौकरियों में 18 से 45 की आयु सीमा है तो फिर एनटीटी की उम्र 35 कर शिक्षा विभाग उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जरूर उनकी मांगों पर गौर करेगी।
बता दें कि प्रदेश में नर्सरी अध्यापिकाओं की नियुक्ति करने के फैसले से एनटीटी में काफी खुशी है लेकिन कुछ शर्तों होने के चलते प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापक संघ में जुड़ी हजारों अध्यापिकाओं को झटका लगा है। महिलाएं 1988-89 बैच की एनटीटी हैं और रोजगार न मिलते अधिकतम 35 वर्ष की आयु सीमा को पार कर चुकी हैं, जिसके कारण इन्हें भविष्य में परेशानी हो सकती है।