शिमला, 9 नवंबर : हिमाचल सरकार ने 27 नवंबर को जेसीसी की बैठक का निर्धारण कर दिया है। कुछ अरसा पहले सरकार ने कर्मचारी महासंघ के एक गुट को मान्यता भी प्रदान कर दी थी। अब जिस तरीके से उप चुनाव में भाजपा को हार की शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है, लिहाजा यह माना जा रहा है कि हार की समीक्षा में कर्मचारियों के हित भी सामने आए होंगे।
ऐसा माना जाता है कि कर्मचारी प्रदेश में सरकार को बदलने का अमादा रखते हैं। उधर, इसी बीच जेसीसी बैठक को लेकर तय तिथि का पत्र सोशल मीडिया में शाम से ही वायरल होना शुरू हो गया था। इसमें बैठक को लेकर मुद्दे भी सुझाए जाने लगे हैं। चूंकि कर्मचारियों का पहला मुद्दा पे कमीशन की सिफारिशें हो सकती हैं, साथ ही डीए का मसला होता है। लेकिन कर्मचारियों का एक तबका ऐसा भी है जो अनुबंध के अलावा आउटसोर्स इत्यादि से भी जुड़ा हुआ है।
यही कारण है कि बैठक को लेकर रिएक्शन आ रहे हैं कि इसमें केवल पे कमीशन या फिर डीए को ही शामिल नहीं किया जाना चाहिए। धरातल तक के कर्मचारियों के मुद्दे बैठक में उठने चाहिए। कुल मिलाकर ये साफ तौर पर जाहिर हो रहा है कि हार के बाद सरकार 2022 के डैमेज को कंट्रोल करने के लिए कमर कस चुकी है।