हमीरपुर, 09 नवंबर : इस बार हिमाचल को दूसरा “पद्म श्री” अवार्ड मिला है। कंगना रनौत के बाद अब बोतल में कलाकृतियां तैयार करने वाले नादौन के नौहंगी निवासी करतार सिंह सौंखले को दिल्ली में मंगलवार को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। बंद बोतल में कलाकृति बनाना आसान काम नहीं है, लेकिन करतार सिंह कई बार ऐसा करके दिखा चुके हैैं।
बांस की लकड़ियों से तैयार होने वाली उनकी इस कला को देखते हुए इस साल 25 जनवरी को उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। मंगलवार को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में होने वाले समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया गया।
आइये जानते है कौन है करतार सिंह, क्या है उनकी उपलब्धि
बैंबूआर्ट का अद्भुत नमूना हमीरपुर में देखने को मिलता है, जिसमें बैंबू आर्ट की कलाकारी कर करतार सिंह सौंखला ने शीशे की बोतल में ऐसी-ऐसी कलाकृतियां बनाई है कि जिन्हें देखकर हर कोई दंग रह जाता है। चाहे अस्तित्व खो रही धरोहरे हो या फिर चीजें या फिर मंदिर या मशहूर टाॅवर इन सभी को करतार सिंह सौंखला ने अपनी कला से बोतल के अंदर कैद कर दिया है।
अभी हाल ही में लॉकडाउन के दौरान करतार सिंह सौंखला ने पीएम मोदी, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के अलावा साई राम, शिव परिवार की मूर्तियां बोतल में बना डाली है जिन्हें देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। सब के मन में एक ही सवाल उठता है कि आखिर किस तरह बोतल के अंदर कलाकृतियां बनाई गई है। लेकिन करतार सिंह सौंखला ने यह अनोखा काम करके दिखाया है।
आपकों बता दे कि करतार सिंह सौंखला हमीरपुर जिला के नौहंगी गांव का रहने वाला है और मार्च माह में एनआईटी हमीरपुर से स्वास्थ्य विभाग से वरिष्ठ फार्मासिस्ट के पद से सेवानिवृत हुए है और करतार सिंह को बचपन से ही कुछ अलग करने का शौक रहा है और वर्ष 2000 में मन में उठे एक शौक चलते शीशे की बोतल में बांस से एक डिजाइन तैयार कर दिया और उसके बाद सिलसिला जारी रहा है। अब तक सैकड़ों बोतल में विभिन्न कलाकृतियां बनाकर तैयार की है जिनको देखकर लोग काफी प्रशंसा करते है। हालांकि करतार सिंह इन कलाकृतियों की प्रदर्शनी प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में भी लगा चुके है जहां पर हर किसी द्वारा इसकी सराहना की गई है।
करतार सिंह सौंखला ने बताया कि कलाकृतियां बनाने का शौक बचपन से रहा है लेकिन लॉकडाउन के चलते पीएम मोदी, सीएम जयराम ठाकुर, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की बोतल में कलाकृतियां बनाई है। जिन्हें बनाने के लिए घर पर ही बांस के सामान से तैयार किया गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि छोटे छोटे संस्थान खोलकर बैंबू आर्ट को बढावा दे और इसे टूरिज्म से जोडा जाए ताकि युवा इसका फायदा उठा सके।
करतार सिंह सौंखला की पत्नी सुनीता ने बताया कि पहले तो इस तरह के काम करते हुए बेकार काम लगता था लेकिन जब लोगों ने भी बहुत सराहना की और बांस के टुकडे को तराश कर बोतल में कलाकृति बनाना कठिन काम है। उन्होंने बताया कि अब बहुत अच्छा लगता है और परिजन भी पूरा साथ देते है।बहू सरिता का कहना है कि अच्छा लगता है कि ससुर करतार सिंह कलाकृतियां बनाते है और बांस की मूर्तियां बोतल में कलाकारी करते है और अद्भुत काम है।