नाहन, 19 अक्तूबर : चंद रोज पहले स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो (State Vigilance and Anti Corruption Bureau) की टीम ने ऊना में शराब की 900 पेटियों से भरे ट्रक को दबोच लिया था। इस शराब का उत्पादन सिरमौर के पांवटा साहिब के नारीवाला में स्थित यमुना ब्रेवेजिज प्राइवेट लिमिटेड (yamuna beverages private limited) में हुआ था। शराब की ये फैक्टरी पहले भी विवादों में आ चुकी है।
विजिलेंस के एक्शन के बाद सिरमौर में एक्साइज विभाग के शीर्ष अधिकारी को ये निर्देश मिले थे कि फैक्टरी में डयूटी देने वाले सहायक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी (इंस्पेक्टर) को जांच में शामिल होने के निर्देश दिए जाएं। साथ ही विभाग के उप आयुक्त को फैक्टरी का निरीक्षण करने के भी निर्देश भी जारी हुए थे। 16 अक्तूबर को उप आयुक्त (Deputy Commissioner) प्रीतपाल सिंह ने फैक्टरी का निरीक्षण भी किया।
मिल रही जानकारी के अनुसार विभाग को अपना ही सहायक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी (Assistant State Tax & Excise Officer) जय सिंह नहीं मिल रहा है। लिहाजा, माना ये भी जा रहा है कि अवैध शराब का मामला सामने आने के बाद से ही वो भूमिगत हो गया है। डयूटी पर हाजिर न होने को लेकर एक्साइज विभाग (excise department )ने उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। इसे फैक्टरी के बाहर भी चस्पा किया गया है। इंस्पेक्टर जय सिंह को 17 अक्तूबर को विजिलेंस की टीम के समक्ष भी हाजिर होना था। इंस्पेक्टर के कार्यालय के बाहर भी कारण बताओ नोटिस चस्पा किया गया है, क्योंकि वो विभाग को सूचित किए बगैर ही डयूटी से नदारद है।
उल्लेखनीय है कि शराब की इकाइयों में विभाग का अपना स्टाफ भी स्थाई तौर पर नियुक्त रहता है। इस फैक्टरी में इंस्पेक्टर जय सिंह की तैनाती थी। गौरतलब है कि ये फैक्टरी पहले भी विवादों में आ गई थी। जुलाई 2020 में इसी फैक्टरी में क्षमता से अधिक 13,802 लीटर एक्स्ट्रा न्यूटल अल्कोहल बरामद किया गया था। बता दें कि ये शराब उत्पादन का मुख्य राॅ मटीरियल होता है। विभाग ने तब दावा किया था कि बरामद किए गए राॅ मटीरियल से देसी शराब की 5,155 पेटियों का उत्पादन किया जा सकता था।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में विभाग के उप आयुक्त प्रीतपाल सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि फैक्टरी में तैनात सहायक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी डयूटी से नदारद है। कारण बताओ नोटिस को चस्पा किया गया है। उन्होंने बताया कि शराब के उत्पादन में किस तरह की अनियमितताएं थी, इस बारे फिलहाल विजिलेंस द्वारा ही टिप्पणी की जा सकती है।
उधर, स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो के ऊना स्थित डीएसपी अनिल मेहता ने कहा कि विभाग का अधिकारी जांच में शामिल नहीं हुआ हैै।