नाहन, 19 अक्तूबर : शहर में कूडे़ के ढे़र बंदरों को खुला न्यौता देते हैं। ये कहना अतिश्योक्ति भी नहीं होगा कि ये ढेर बंदरों का ब्रेकफास्ट बनते हैं। इसे फैंकने वाले इस बात को भूल रहे हैं कि कूड़ा फैंकने के दौरान बंदर उन पर भी हमला कर सकते हैं। मंगलवार को शहर के वार्ड नंबर 8 में भोले की चक्की के नजदीक बंदरों ने एक राहगीर महिला पर हमला बोल दिया। महिला को बंदर ने नोच भी लिया। हालांकि दो-तीन बंदर पीछे पड़ गए थे, लेकिन महिला जैसे-तैसे बच गई।
बंदरों के हमले की चपेट में आई महिला भावना ने कहा कि वो सामान खरीदने के सिलसिले में आई थी। कूडे़ के ढ़ेर के चारों तरफ बंदर बैठे थे। इसी दौरान बंदरों ने हमला कर दिया। गौरतलब है कि इस जगह पर 10 दिन के भीतर बंदरों के हमले की यह दूसरी घटना है। बेशक ही नगर परिषद कूड़े को उठाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन शहर के लोग हैं कि कूडे़ के ढे़र गलियों में लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
जिन जगहों पर कूडे़ के ढेर नजर नहीं आते, वहां बंदरों ने सुबह के वक्त आना ही छोड़ दिया है। लिहाजा गंदगी फैलाने वालों को एक बात तो गांठ बांध लेनी चाहिए कि जो आज एक महिला के साथ गुजरा, वो हाथ में कूडे़ के पाॅलीथीन लाने वालों के साथ भी हो सकता है।