नाहन, 21 सितंबर : करीब 25 से 30 साल के हाथी (Elephant) की मौत बेहद ही दुखद थी। उत्तराखंड के राजा जी नेशनल जी नेशनल पार्क से पहुंची वैटेरियन (Veterinarian) ने पोस्टमार्टम के बाद खुलासा किया है। इसके मुताबिक हाथी ने सीधे ही हाई वोल्टेज करंट (high voltage current) की तार को चबा लिया था। ये लाइन भूपपुर इलाके में एक पोल्ट्री फार्म (poultry farm) के लिए बिछाई गई थी।
बता दें कि इससे पहले 2017 में बहराल गांव में भी एक हाथी की मौत हो गई थी। उस दौरान हाथी की मौत का कारण जहरीले पदार्थ का सेवन सामने आया था। करीब-करीब 15 साल से हाथी के झुंड यमुना नदी को पार कर हिमाचल की पांवटा घाटी में दाखिल हो जाते हैं। बहरहाल, ये भी जानकारी सामने आई है कि व्यस्क हाथी (adult elephant) की ऊंचाई अढ़ाई से तीन मीटर के बीच थी। लगभग डेढ़ से दो फुट के दो दांत (teeth) थे। विभाग (Department) ने दांतों का वजन चार किलो पाया था।
शव को दफनाने के लिए 10 फुट गहरा गड्ढा खोदा गया, इसकी लंबाई 20 फुट के आसपास रखी गई थी। जबकि चौड़ाई 10 फुट थी। 2017 की तरह इस बार भी हाथी के शव को दफनाने के लिए जेसीबी की मदद ली गई। पोस्टमार्टम के दौरान हाथी के मुंह से मैटलनुमा पदार्थ (metallic substance) भी बरामद हुआ है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि हाई वोल्टेज करंट लगने के कारण हाथी ने मौके पर तड़प (yearning) कर दम तोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि ये घटना बीती रात की है। ऐसा भी जाहिर हुआ है कि वो अकेले ही उत्तराखंड से यमुना नदी को पार करने के बाद हिमाचल की सीमा में दाखिल हो गया था।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पांवटा साहिब के डीएफओ कुणाल अंग्रीश ने कहा कि हाथी की उम्र 25 से 30 साल के बीच प्रतीत हो रही थी। उन्होंने बताया कि शव को दफनाने का एक तय प्रोटोकाॅल है। इसके मुताबिक कार्रवाई की गई है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि हाथी ने सीधे ही हाई वोल्टेज करंट की तार को मुंह से चबाया था।
उधर, एसपी ओमापति जमवाल ने कहा कि करंट से हाथी की मौत की सूचना मिली थी। इस बारे आईपीसी की धारा-429 के अलावा वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत डीएफओ की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है।