नाहन, 2 अप्रैल : पांवटा साहिब-कालाअंब हाईवे पर मुख्यालय से 3 से 5 किलोमीटर की परिधि में बीचोंबीच खड़े विशालकाय वृक्षों को धराशायी कर दिया गया है। एसडीएम के स्तर पर गठित कमेटी के निरीक्षण के बाद वन विभाग ने पेड़ों को काटने की अनुमति दी। पेड़ों को वन निगम के माध्यम से धराशायी किया गया है।
तर्क था कि पेड़ों के हाईवे के बीचोंबीच होने की वजह से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। कई बार हादसे हो भी चुके हैं। लोक निर्माण विभाग का हाईवे विंग अनुमति हासिल करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन अनुमति नहीं मिल रही थी। बताया जा रहा है कि प्रशासन की दखल के बाद पेड़ों को काटने की परमिशन जारी हुई।
वीरवार को पेड़ों को काटने के बाद वन निगम ने लकड़ी को अपने कब्जे में ले लिया। बता दें कि दशकों पहले आम्बवाला से दोसड़का के बीच सड़क का डिजाईन मौजूदा में बदल चुका है। रियासत के वक्त में ये सड़क सैनवाला से बोगरिया होकर नाहन पहुंचती थी।
उधर, दोसड़का से खजूरना के बीच नवोदय स्कूल से चंद किलोमीटर आगे हाईवे के बीच हादसे को न्यौता देने वाले पेड़ को भी काट दिया गया है।
उधर, एमबीएम न्यूज से बातचीत में हाईवे विंग के अधिशाषी अभियंता अनिल शर्मा ने कहा कि अनुमति मिलने के बाद पेड़ों को काटा गया है। इनसे हादसों की आशंका बनी रहती थी। कई बार हादसे हुए भी हैं। उन्होंने कहा कि हाईवे पर खतरनाक पेड़ों को काटने के लिए अनुमति के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि सितंबर 2020 में कालाअंब मार्ग पर हाईवे के बीच खड़े पेड़ से एक फाॅर्चूनर रात के वक्त टकरा गई थी। इसमें कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ था, लेकिन नाहन के रहने वाले रमनदीप को रिपेयरिंग पर लगभग 5 लाख की राशि खर्च करनी पड़ी थी।