शिमला,8 मार्च : प्रदेश के नगर निगमों की चुनावी प्रक्रिया को लेकर लाये गए नगर निगम संशोधन विधेयक 2021 पर हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को विपक्ष ने हंगामा कर दिया।
बिल के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन का वॉकआउट कर दिया। इसके बाद इस बिल को बगैर विपक्ष के ही सत्ता पक्ष ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद अब प्रदेश के नगर निगमों में राजनीतिक दल अपने-अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकेंगे।
नए विधेयक के अनुसार अब नगर निगमों में ओबीसी को भी महापौर पद पर आरक्षण मिलेगा, जबकि महापौर और उपमहापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए अब तीन-चौथाई सदस्यों का समर्थन जरूरी रहेगा, जो कि पहले आधे सदस्यों का था।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि पहले वाले कानून में ओबीसी को महापौर पद पर आरक्षण नहीं था। जबकि नए कानून में इसका प्रावधान किया गया है। उन्होंने नए कानून में किए गए प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विपक्ष को इसका समर्थन करना चाहिए।
विपक्ष ने इस विधेयक को विचार के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेजने और इसमें से अविश्वास प्रस्ताव के प्रावधानों को हटाने की भी मांग की।
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने इस विधेयक पर विपक्षी सदस्यों को अपने संशोधन रखने का पूरा समय देने की मांग की।
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस विधेयक को मौजूदा स्वरूप में पास करती है तो वह इसे अदालत में चुनौती देंगे।