नाहन, 30 दिसंबर : सिरमौर में मतदाता सूचियों में जबरदस्त विसंगतियों के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं। ट्रांसगिरि की कांटी मशवा पंचायत को मतदाता सूची की खामी के कारण 10 लाख की ईनामी राशि से भी वंचित होने की नौबत आ गई है। दरअसल, हुआ यूं कि चंद रोज पहले पंचायत ने सर्व सम्मति से बुद्धिजीवी शख्सियत काहन सिंह को प्रधान चुन लिया।
उप प्रधान व वार्ड सदस्यों पर भी करीब-करीब सहमति बन गई। पंचायत में सर्व सम्मति बनाने के लिए बाकायदा एक कमेटी भी बनाई गई थी। मगर, कोशिशों पर उस वक्त पानी फिर गया, जब पंचायत वासियों को इस बात का पता चला कि निर्विरोध चुने गए पंचायत प्रधान काहन सिंह का नाम मतदाता सूची में ही नहीं है। सवाल इस बात पर उठता है कि क्या अब वीरवार से शुरू हो रही पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में कोई पंचायत से नामांकन भरेगा या नहीं। या फिर पंचायत द्वारा उप चुनाव की राह पकड़ी जाएगी।
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अगर कोई भी नामांकन नहीं भरा जाता तो शायद हिमाचल में इस चुनाव में कांटी मशवा ही एकमात्र ऐसी पंचायत होगी, जहां कोई भी नामांकन दाखिल नहीं होगा। हालांकि निर्विरोध चुने गए प्रधान काहन सिंह समेत पंचायत को उम्मीद है कि इस मामले में कोई न कोई नतीजा आएगा, लेकिन मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका है। दीगर है कि सिरमौर में पंचायतों को निर्विरोध चुने जाने का खासा उत्साह देखा जा रहा है। यह अलग बात है कि नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही असल बात सामने आएगी। इस समय तक लगभग 12 पंचायतों द्वारा निर्विरोध चुने जाने का दावा किया जा चुका है।
इसी बीच एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में निर्विरोध प्रधान चुने गए काहन सिंह का कहना था कि वो खुद इस बात पर हैरान हैं कि वोटर लिस्ट से उनका नाम कैसे गायब कर दिया गया, जबकि वो अपने मत का इस्तेमाल करते आए हैं। उल्लेखनीय यह भी है कि पंचायत प्रतिनिधि बनने के लिए वोटर लिस्ट में नाम होना अनिवार्य है। कमाल की बात यह भी है कि लंबे अरसे से मतदाता सूचियों को तैयार करने के लिए माइक्रो स्तर पर कर्मचारियों की तैनाती होती है। बावजूद इसके विसंगतियां कई तरह के सवाल पैदा करती हैं। कुल मिलाकर देखना यह है कि कांटी मशवा पंचायत के लोग अगला क्या कदम उठाते हैं।