मंडी, 29 नवम्बर : कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के मामले में लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक ने शानदार काम किया है। यह अस्पताल हिमाचल का इकलौता अस्पताल है जहां कोरोनाकाल में 52 पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हुआ है।
बता दें कि कोरोना के चलते अप्रैल महीने में इस अस्पताल को डेडिकेटिड कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था। श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जीवानंद चौहान ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के मामले में अस्पताल ने शानदार काम किया है। उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का इकलौता अस्पताल है जहां कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिलाओं का प्रसव करवाया गया।
उन्होंने बताया कि इस अवधि में अस्पताल में 52 महिलाओं के प्रसव हुए हैं, जिसमें 20 सामान्य और 32 ऑपरेशन के माध्यम से किए गए हैं। सभी मामलों में जच्चा-बच्चा बिल्कुल सुरक्षित हैं। हालांकि प्रसव के बाद 2 नवजात बच्चों में भी कोरोना के लक्षण मिले थे, जो बाद में ठीक हो गए।
उन्होंने कहा कि इस काम में अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों व अन्य सभी सहयोगियों ने बेहतरीन काम किया है। डॉ जीवानंद चौहान ने कहा कि कोरोनाकाल में प्रदेश के किसी भी अस्पताल में से नेरचौक अस्पताल में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज भर्ती हुए हैं और सबसे ज्यादा कोविड मरीज इस अस्पताल से ठीक भी हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें खास बात यह है कि लोगो ने समय पर कोरोना जांच करवाई और वे समय रहते अस्पताल पहुंचे। रोग का जल्द पता लगने से उनका ईलाज हो सकाए जिससे उन्होंने कोरोना की जंग जीती है।
उन्होंने कहा कि नेरचौक अस्पताल मंडी के साथ साथ कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और लाहौल-स्पिति के अलावा चंबा के पांगी क्षेत्र के मरीजों को सेवाएं दे रहा है।