शिमला, 25 नवम्बर : एबीवीपी (ABVP) ने जिला कांगड़ा के देहरा और धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University) के परिसर के निर्माण तथा छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर निर्णायक लड़ाई (Decisive battle) लडऩे का ऐलान किया है। एबीवीपी के नवनियुक्त प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने मंगलवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता (Press Conference) में कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा के 11 वर्ष बाद भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, जबकि इसके साथ घोषित आईआईटी मंडी (IIT Mandi) का निर्माण व इसके बाद घोषित आईआईएम (IIM) व एम्स (AIIMS) के भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। लेकिन केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है। इसी तरह तकनीकी विवि हमीरपुर में चल रहे 8 पाठ्यक्रमों में एक भी स्थाई प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है। इसके अलावा कृषि विवि पालमपुर (Agriculture University Palampur) व बागवानी विवि नौणी की भारी भरकम फीस से शिक्षा आम गरीब छात्र की पहुंच से बाहर हो रही है, जिसे विद्यार्थी परिषद किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित अन्य विवि और छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर एक निर्णायक लड़ाई लड़ेगी। इन मुद्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश भर के अंदर एक जन आंदोलन खड़ा करेगी। विशाल वर्मा ने कहा कि कुछ दिन पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों की फीस को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें यह कहा गया कि स्कूल प्रबंधन अप्रैल माह से अभी तक की ट्यूशन फीस के अलावा सभी प्रकार के शुल्क फिर से ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसका विरोध करती है व प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि जब पिछले 8 महीनों से सभी स्कूल बंद है, ऐसे में ट्यूशन फीस (Tuition Fees) के अलावा किसी भी तरह की फीस ली जाना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि निजी स्कूलों सहित किसी भी शिक्षण संस्थान के अंदर ट्यूशन फीस के अलावा कोई भी अतिरिक्त फीस इस सत्र में नहीं ली जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के अंदर बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस स्थिति के अंदर प्रदेश सरकार सकारात्मक कदम उठाए ताकि बेरोजगारी की समस्या से निजात मिल सके।