नाहन, 11 नवंबर : शहर के बड़ा चौक बाजार में मंझला व्यापारी (Middle Buisness man) रिंकू अपने ही तरीके से बिखरे कारोबार (Scattered business) को बुनने में लगा है। जहां बड़े व्यापारी मोटे मुनाफे को लेकर चाईनीज (Chinese) सामान से परहेज नहीं कर रहे हैं, वहीं रिंकू ने चाईनीज सामान को बेचने से सौ फीसदी (100%) तौबा की हुई है। भगवान कृष्ण के परम भक्त रिंकू ने वृंदावन में ही एक कारीगर (artificer) के माध्यम से दीवाली पर्व के लिए खासतौर पर सामान तैयार करवाया है। दावा है कि मात्र 10 फीसदी मुनाफे (Margin) पर ही सामान को बेच रहे हैं।
बता दें कि रिंकू जन्माष्टमी पर उस समय चर्चा में आए थे, जब लाॅकडाउन में जन्माष्टमी के दौरान लड्डू गोपाल से जुड़ी खास वस्तुओं को भक्तों के लिए लेकर आए थे। इसके बाद सर्दियां शुरू होते ही लड्डू गोपाल के वस्त्र भी उपलब्ध करवा रहे हैं। लाजमी तौर पर ऐसे मंझले व्यापारियों को पब्लिक का सहयोग मिलना चाहिए। दिलचस्प बात यह भी है कि दीपावली (Deepawali) के पर्व पर रंगोली बनाने का क्रेज खासा रहता है। इसको लेकर भी रिंकू ने जैविक (Organic) रंग उपलब्ध करवाए हैं। इसमें बुरादे व नमक (Sawdust and salt) से बने खास तरह के रंग काफी कम दरों (Low rates) पर उपलब्ध हैं। रिंकू ने कहा कि हाथ से निर्मित सजावटी उत्पादों (Decorative products) को लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे शहर के लोग उन्हें स्पोर्ट (Support) कर रहे हैं।
दावा किया कि चाहे जो भी हो वो अपने सिद्धांतों (principles) को छोड़कर व्यापार नहीं करेंगे। इसका उदाहरण (Example) पेश करते हुए उन्होंने कहा कि गुरुजी के कहने पर उन्होंने संकल्प (oath) लिया है कि भगवान कृष्ण के वस्त्रों में वो केवल खर्चा जोड़कर ही सामान उपलब्ध करवाएंगे। उल्लेखनीय है कि एक वक्त पहले रिंकू के पिता की गोटे की दुकान काफी फेमस थी, लेकिन समय की मार से परिवार को काफी नुक्सान पहुंचा। मगर अब रिंकू ने दोबारा अपने परिवार की पहचान को पुनर्जीवित (Revive) करने के प्रयास शुरू किए हैं।