हमीरपुर,08 सितंबर : हिमाचल पथ परिवहन निगम (Himachal Roadways Transport Corporation) में हर हफ्ते सुचारू बस रूटों का विश्लेषण (Analysis) किया जा रहा है। जो भी रूट इन्कम (Income) में फिसड्डी (Laggard) साबित हो रहे हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से हटाया जा रहा है। हालांकि जहां से लोगों की बस चलाने की ज्यादा डिमांड (Demand) निगम को मिल रही है, उन रूटों पर बसों (Buses) को दौड़ाया जा रहा है, ताकि लोगों को निगम की ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके। बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते प्राइवेट बस आपरेटरों(Private bus Operators) के साथ-साथ निगम को भी तगड़ा झटका लगा है। निगम ने भी धीरे-धीरे कम इन्कम के रूट बंद करना शुरू कर दिए हैं, ताकि निगम को कोरोना काल में घाटे से बचाया जा सके।
निगम की मानें तो सुचारू रूटों का हर हफ्ते विश्लेषण किया जा रहा है। जो भी रूट विश्लेषण में फिसड्डी साबित हो रहे हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से बंद किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण हमीरपुर से जाहू वाया भोटा रूट है, जो कि बस अड्डा हमीरपुर से शाम सात बजे जाहू के लिए चलती थी।
यह बस रूट हमीरपुर का सबसे पुराना रूट है। निगम की बस में शाम के समय गिने-चुने यात्री (Passengers) ही सफर करते थे। ऐसे में निगम का तेल खर्च भी नहीं निकल रहा था, जिसके चलते रूट को बंद किया गया है। निगम के जो भी रूट वर्तमान में चलाए जा रहे हैं, उन सभी रूटों का विश्लेषण किया जाएगा। ऐसे में क्षेत्र के लोगों को निगम की बस सेवा बहाल रखने के लिए अब हर हाल में निगम की बसों में ही सफर करना होगा, नहीं तो उनके क्षेत्र की बस सेवा कभी भी बंद हो सकती है।
सूत्रों की मानें तो हमीरपुर डिपो को वैश्विक महामारी (Global epidemic) से पहले एक दिन की कमाई 17 से 18 लाख रुपए थी, जो कि अब एक से डेढ़ लाख रुपए तक सिमट कर रह गई है। क्योंकि निगम की सबसे ज्यादा कमाई लांग रूटों से होती है, जो कि पिछले पांच माह से बंद पड़े हुए हैं।