सुंदरनगर,11 सितंबर : हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना युवाओं को अपना रोजगार लगाने को प्रेरित करने में बड़ी कामयाब साबित हो रही है। ऐसे अनेक युवा हैं, जिन्होंने इस योजना(Scheme) से बल पाकर नौकरी के बजाय स्वरोजगार को तरजीह दी है और अपना काम धंधा(Own Business) शुरू कर दूसरों के लिए नजीर बने हैं। ऐसे ही एक नौजवान हैं, सुंदरनगर उपमंडल के जड़ोल क्षेत्र के भांगला गांव के देवेंद्र कुमार, जो इस पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए रोल मॉडल बने हैं। वे स्वरोजगार लगाकर खुद तो आर्थिक (Finical) रूप से मजबूत (Strong) हुए ही, दूसरों को भी रोजगार(Employment) दे रहे हैं।
30 वर्षीय देवेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 45 लाख रुपए की मदद लेकर जड़ोल में ‘आनंद इंडस्ट्री’ नाम से ‘कैरी बैग’ बनाने का उद्यम लगाया है। साल 2019 में शुरू इस उद्यम में वे रोजाना (Daily) करीब अढ़ाई क्विंटल उत्पाद तैयार करते हैं। उन्होंने यहां 4 लोगों को सीधे तौर पर और आसपास के 3 गांवों की अनेक महिलाओं को अप्रत्यक्ष रोजगार (Indirect employment) मुहैया करवाया है।
देवेंद्र बताते हैं कि साल 2018 के आखिर में उन्होंने अखबार में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में पढ़ा और अपने पिता को इस बारे में बताया। पिता-पुत्र मंडी में उद्योग विभाग (Industry Department) के कार्यालय पहुंचे और योजना की विस्तार से जानकारी लेकर आवेदन कर दिया। उद्यम लगाने के लिए 35 लाख रुपये का ऋण (Loan) मिला, जिस पर उन्हें 25 प्रतिशत सरकारी अनुदान प्राप्त हुआ। साथ ही 3 साल के लिए 5 प्रतिशत ऋण अनुदान भी मिला। वहीं, उन्हें कच्चा माल खरीदने के लिए लोन भी प्राप्त हुआ।
साल 2019 में शुरू काम ने धीरे- धीरे रफ्तार पकड़ी और फिर चल निकला। आज वे समूचे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pardesh) के साथ साथ जम्मू-कश्मीर तक ‘कैरी बैग्स’ की सप्लाई देते हैं। अपनी मेहनत और सरकार से मिली मदद से वे आर्थिक तौर पर ‘आत्मनिर्भर’ बने हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का दिल से आभार जताते हुए कहते हैं कि इस युवा हितैषी योजना ने उनकी तरह अनेकों बेरोजगार युवाओं को रोगजार देने वाला बनाया है। देवेंद्र बताते है कि उनके पिता सुभाष ठाकुर भी आनंद इंडस्ट्री (Anand Industry) में काम काज में उनका हाथ बंटाते हैं। पिता-पुत्र मिलकर काम करते हैं। बेटा जब सप्लाई के काम से बाहर होता है तो वे पीछे देखरेख करते हैं।
क्या कहते है पिता सुभाष ठाकुर…
सुभाष ठाकुर का कहना है कि ‘मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना’ ने उनके बेटे और परिवार का जीवन बदल कर रख दिया। सरकार की मदद से शुरू साल भर पहले शुरू किया काम अब एक स्थाई आमदनी का जरिया बन गया है। सारा खर्चा निकाल कर और कर्मचारियों की पे देने के बाद बेटा अभी 30 से 40 हजार रुपये महीना कमा रहा है। आजकल कोरोना काल के चलते कामकाज की गति थोड़ी मंद है, पर आगे काम बढ़ेगा तो पैसा बढ़ना भी लाजमी है।
क्या है मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना…
उद्योग विश्रााग मंडी के महाप्रबंधक ओपी जरयाल का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वूपर्ण योजनाओं में से एक है, जिसे उद्योग विभाग के जरिए चलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत कोई भी हिमाचली युवा व युवती जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हो और अपना उद्योग स्थापित (Industry) करना चाहते हों, उनके लिए 40 लाख रुपए तक के निवेश (Investment) पर 25 प्रतिशत व 30 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है । उद्योग की अधिकतम लागत 60 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त योजना के तहत हिमाचली विधवा महिलाओं (Widows) के लिए जिनकी आयु 45 वर्ष से कम हो को 35 प्रतिशत की अनुदान और ब्याज की दर में 5 प्रतिशत की छूट का भी प्रावधान है।
क्या कहते हैं डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर…
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि जिला प्रशासन (District Administration) यह तय बना रहा है कि जिला में युवाओं को स्वरोजगार लगाने के लिए हर संभव मदद मुहैया करवाई जाए। उन्हें सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले। इसमें मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना बहुत मददगार सिद्ध हुई है। इससे मदद पाकर अनेकों युवा अपना काम धंधा शुरू कर स्वयं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अन्यों को भी रोजगार देने वाले बने हैं।
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