शिमला, 28 अप्रैल : हिमाचल की पहचान वीर भूमि से होती है। हिमाचल के जांबाज अधिकारी देश हित में प्राण न्योछावर करने से नहीं कतराते हैं। खास पेशकश में हम आपको देश के चार दबंग आईपीएस (IPS) अधिकारियों से मिलवाने जा रहे हैं, जिनका नाता “हिमाचल” से है। ये, पहाड़ी प्रदेश को वो लाल हैं, जो भारत के अशांत राज्यों में साहस की बदौलत आतंकियों, नक्सलवादियों व दुर्दांत अपराधियों के लिए खौफ का पर्याय बन गए।
जी हां, हम बात कर रहे है रियल लाइफ के “सिंघम” स्टाइल (Real Life Singham Style IPS) उन अधिकारियों की, जिनके नाम मात्र से ही अपराधी व देश के दुश्मन थर-थर कांपते हैं। शांत प्रदेश में जन्मे इन आईपीएस (IPS) अधिकारियों ने हिंसाग्रस्त राज्यों को सेवा के लिए चुना। अधिकारियों की पहचान स्वच्छ छवि व कड़क तेवरों के लिए होती है। जहां भी पोस्टिंग मिलती है, उसे शिद्दत से निभाते हैं। आइए, अब आपको सिलसिलेवार इन आईपीएस अधिकारियों के बारे में बताते हैं।
IPS नलिन प्रभात….
फेहरिस्त में सबसे पहला नाम है, हाल ही में NSG के चीफ बने नलिन प्रभात। सीआरपीएफ (CRPF) के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) के पद से वरिष्ठ आईपीएस नलिन प्रभात को एनएसजी (NSG) में डीजी (DG) बनाया गया हैं। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी को आंध्र प्रदेश कैडर (Andhra Pradesh Cadre) मिला था। चूंकि, आंध्र प्रदेश में नक्सलवाद के खिलाफ बेखौफ होकर आईपीएस नलिन प्रभात ने जंग लड़ी है, लिहाजा ऐसा भी बताया जाता है कि वो नक्सलवादियों की हिट लिस्ट में हैं।
14 अगस्त 1968 को शिमला में जन्मे नलिन प्रभात हमेशा से ही लो प्रोफाइल (Low Profile) में रहे हैं। वैसे तो सौम्य व शांत स्वभाव के हैं, लेकिन जब बात देश की सुरक्षा की हो तो कड़क स्वभाव की वजह से देश विरोधी ताकतें भी कांप जाती हैं। आंध्र प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ ग्रेहाउंड फोर्स (Greyhound Force) का गठन किया गया था। इसके चीफ रहते हुए आईपीएस नलिन प्रभात ने नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। ये पहला अवसर है, जब कोई हिमाचली एनएसजी (NSG) के चीफ के पद तक पहुंचा है।
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IPS रूपिन शर्मा….
दूसरे स्थान पर आते है IPS रुपिन शर्मा। कांगड़ा (Kangra) के धर्मशाला के रहने वाले रुपिन शर्मा को महज 50 साल की उम्र में 24 नवंबर 2017 को उत्तर पूर्व राज्य (North East) नागालैंड (Nagaland) के पुलिस महानिदेशक बनने का गौरव हासिल हुआ है। लिहाजा वो देश के सबसे युवा पुलिस महानिदेशक भी है, इससे पहले ये रिकॉर्ड स्वर्गीय आईपीएस गिल (IPS Gill) के नाम पर था। बतौर आईपीएस अधिकारी रूपिन शर्मा ने लगभग 25-30 साल की सेवाएं नागालैंड में ही दी हैं।
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी को ही लोग डीजीपी (DIG) के पद पर चाहते थे। बेहतरीन कार्यशैली का ही नतीजा था कि न केवल आम लोग, बल्कि पुलिस महकमे (Police Department) के अधिकारी भी उन्हें डीजीपी (DGP) के पद पर बरकरार रखने के लिए कई दिन तक सड़कों पर उतरे थे, लेकिन निजी तौर पर उन्होंने डीजीपी (जेल) का पद ग्रहण कर लिया था। बाद में फिर डीजीपी बना दिए गए थे। मौजूदा में भी पुलिस महानिदेशक के पद पर सेवारत हैं।
आपको बता दें कि देश के काबिल पुलिस अधिकारी रूपिन शर्मा के पिता एक रिटायर्ड आईएएस (IAS)अधिकारी हैं।
IPS मनु महाराज…
फिर आते हैं, IPS मनु महाराज। देश भर में आईपीएस मनु महाराज (IPS Manu Maharaj) की पहचान रियल लाइफ सिंघम के तौर पर होती है। बिहार (Bihar) की राजधानी पटना में एक अरसे से दबंग एसएसपी (SSP) के तौर पर तैनात मनु महाराज को 2018 में डीआईजी (DIG) के पद पर प्रमोशन मिली। फिलहाल वह डेपुटेशन पर आईटीबीपी (ITBP) में एक विशेष मिशन के तहत अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
चंबा के डलहौजी के रहने वाले मनु महाराज इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं। 2005 में यूपीएससी (UPSC ) की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उनका चयन आईएएस के लिए हुआ था, मगर बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखने वाले मनु महाराज ने आईपीएस को ही चुना।
फिल्मी हीरो की तरह स्टाइलिश मूंछ, सुडौल शरीर व दबंग अंदाज (Stylish moustache, shapely body and domineering style) से ही अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं। बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री (CM) नीतीश कुमार के भी वह पसंदीदा अफसर रहे हैं। एसएसपी रहने के दौरान रात के वक्त पटना (Patna) की सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने निकल जाते थे तो सरकारी वाहन की बजाए बाइक पर जाते थे। चेहरे पर नकाब पहनते, ताकि कोई पहचाने न सके। जान बूझकर हेलमेट (Helmet) नहीं पहनते, ताकि पता चले कि पुलिसकर्मी रोकेंगे या नहीं।
ऐसा भी बताया जाता है कि एक मर्तबा आईपीएस अधिकारी ने अपने चेहरे पर कपड़ा बांध लिया था। पैर में टूटी चप्पल पहनकर साइकिल (Cycle) पर सवार होकर चल पडे। रास्ते में पुलिसवालों को बोले साहब मजदूरी करके लौट रहा था रास्ते में बदमाशों (scoundrels) ने लूट लिया। मदद की बात अनसुनी करने वाले पुलिसकर्मियों पर उचित एक्शन लिया गया।
एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) के स्पेशलिस्ट होने की वजह से भी मनु महाराज को बिहार (Bihar) पुलिस में दबंग माना जाता है। उपलब्धियों पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। अब तक हजारों खूंखार अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेल चुके हैं।
IPS स्वप्न शर्मा….
विशेष पेशकश में आखिरी नाम है IPS स्वप्न शर्मा। पंजाब में खालिस्तान आंदोलन (khalistan movement) के पुरोधा अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर आईपीएस अधिकारी स्वप्न शर्मा काफी चर्चा में आए थे। हिमाचल के कांगड़ा जनपद के प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी के समीप गांव ढ़ोग में जन्में है। 10 अक्तूबर 1980 को जन्में शर्मा के पिता रिटायर्ड कर्नल है। 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी स्वप्न शर्मा पंजाब कैडर के अधिकारी हैं। इससे पहले उनका चयन हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी(HAS) के रूप में भी हुआ था, मगर उन्होंने यूपीएससी क्रैक (UPSC Crack) करने का मन बना लिया था।
पंजाब में नौकरी के दौरान उन्होंने शराब तस्करों व गैंगस्टरों (Gangsters के खिलाफ अभियान चलाए। शुरुआती तैनाती में शर्मा ने राजपुरा, लुधियाना में प्रोबेशन पूरा किया। बाद में फाजिल्का, बठिंडा, रोपड़, संगरूर, जालंधर और अमृतसर ग्रामीण में एसएसपी के पद पर रहते हुए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय तस्करों के खिलाफ अभियान चलाए। अपनी सख्त कार्यशैली को लेकर वह अपराधियों के लिए खौफ पर्याय बने रहे।
शर्मा को चार बार उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए डीजीपी डिस्क अवार्ड (DGP Disc Award) भी मिल चुका है। 10 महीने तक पंजाब के मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा भी संभाला। दो बार एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस (Counter Intelligence) के रूप में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को निभाया। इसके अलावा पंजाब (Punjab ) में कई गैंगस्टरों का सफाया किया। 24 जनवरी 2023 को पंजाब सरकार ने डीआईजी प्रमोट (DIG) किया।
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