बिलासपुर, 17 अगस्त : प्रदेश के निचले जिलों में कोरोना वायरस का असर आम की फसल पर पड़ा है, जिस कारण किसान व बागवानों को बड़ा नुक्सान उठाना पड़ रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों से लोगों का कच्चा आम तीस से चालीस रुपए तक बिकता रहा है, लेकिन इस साल आम पर ऐसी मार पड़ी है कि बागवानों का आम पेड़ों पर सड रहा है और मांग न होने के कारण बागवान और किसान मजबूर हो गए हैं।
हिमाचल प्रदेश के निचले जिलों में आम नगदी फसल माना जाता रहा है, क्योंकि लोगों को आम से अच्छी खासी आमदनी हो जाती थी, लेकिन इस बार पेड़ों पर सड़ते हुए आम देखकर लोगों का मन इस फसल से ऊबने लगा है। अन्य जिलों की तरह बिलासपुर जिला में भी यही हाल है क्योंकि अच्छी कीमत न मिलने पर आम पेड़ों से निचे गिर कर सड रहे हैं।
बागवानों अभिषेक कुमार, मदन लाल, चुन्नी लाल, लखनपाल ने बताया कि इस साल आम की फसल के दाम अच्छे नहीं मिल पा रहे हैं। जिसके पीछे कोरोना बीमारी को भी एक कारण माना जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बागवान कच्चा आम दो से दस रुपए में बेच रहे हैं क्योंकि बीमारी के चलते लोग आम बहुत कम खरीद रहे हैं और बाजारों में भी आम की बहुत कम मांग है। उन्होंने बताया कि इस बार आम की फसल की पैदावार अधिक मात्रा में हुई है, ऐसे में बागवानों को भारी नुक्सान झेलना पड़ सकता है।