नाहन, 18 अगस्त : कश्मीर घाटी के बारामूला में 24 वर्षीय प्रशांत ठाकुर(Shahid Parshant Thakur) ने मां भारती की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे कर शहादत को पा लिया है। उधर यह भी जानकारी आ रही है कि बारामुला के घने जंगलों में सेना की आतंकवादियों से मुठभेड़(Militant attack) सुबह 9 बजे तक भी जारी है। रात 10:00 बजे के आसपास शहीद प्रशांत ठाकुर को गोलियां लगी थी। ददाहू(Dadahu) के चांदनी के समीप ठाकर गवाना गांव में शहीद का जन्म हुआ था।
23 सितंबर 2014 को 18 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती शहीद प्रशांत ठाकुर ने महज 24 साल की उम्र में ही शहादत पाई है। 29 आरआर में तैनात शहीद प्रशांत ठाकुर के परिवार को बीती रात 12:30 बजे के आसपास बेटे के शहीद होने की जानकारी दी गई। साथ ही यह बताया कि सर्च ऑपरेशन(Search Operation) के दौरान आतंकी हमले में प्रशांत शहीद हो गए हैं। इस खबर के बाद पूरा परिवार रात भर शोक में डूबा रहा। घर पर माँ रेखा देवी व पिता सुरजन सिंह के अलावा भाई विशाल अपने लाल की शादी के सपने संजोये थे। सब कुछ ठीक-ठाक होने के बाद अब प्रशांत की शादी का सपना था।
समूचे इलाके में प्रशांत की शहादत पर शोक की लहर तो है ही साथ ही गर्व भी महसूस किया जा रहा है। शहीद प्रशांत ठाकुर के चचेरे भाई राकेश ठाकुर ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क को बताया कि बचपन से ही उसे सेना में भर्ती होने का जुनून था, इतनी कम उम्र में शहादत को पाएगा इस बात का किसी को भी रत्ती भर का इल्म नहीं था। उन्होंने बताया कि रात 12:30 बजे के आसपास फोन पर घटना की जानकारी मिली थी। उन्होंने बताया कि शहीद का एक बड़ा भाई है। उधर सैनिक वेलफेयर बोर्ड के उप निदेशक मेजर दीपक धवन ने कहा कि वह श्रीनगर में सैन्य अधिकारियों के संपर्क में हैं। प्रयास किया जाएगा की पार्थिव देह को जल्द से जल्द पैतृक गांव में लाया जाए। उधर दोस्तों रवि शर्मा व पारुल ने बताया कि उसे बचपन से ही देश भक्ति का जनून था।