नाहन: क्या आपने सुना है कि देवभूमि में एक साथ गाय ने तीन बछडि़यों को जन्म दिया हो। जी हां, सिरमौर की नाहन विकास खंड की कौलावालांभूड पंचायत के नेरी गांव में रणबीर सिंह ठाकुर के घर पर ऐसा हुआ है। बचपन से ही परिवार की दुलारी लखी ‘‘गाय’’ की वजह से आज हरेक सदस्य खुशी से फूला नहीं समा रहा। बता दें कि विभाग ने भी इस घटना को दुर्लभतम से भी दुर्लभ बताया है।
दरअसल, यह मामला इस कारण भी अचंभित करने वाला है, क्योंकि गाय ने एक ही लिंग के बच्चों को जन्म दिया है। आपके जहन में यही एक सवाल भी उठ गया होगा, जन्म लेने वाली तीनों बछडि़यों का स्वास्थ्य कैसा है। इस दुर्लभ घटना में केवल एक ही पीड़ा है, वो ये कि सबसे पहले जन्म लेने वाली बछड़ी ने कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया, लेकिन दो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। यहां तक की लखी का स्वभाव भी चंद घंटों के भीतर सामान्य हो गया है।
ऐसे हुई प्रसूति…
पालियों में जेबीटी के पद पर कार्यरत रणबीर सिंह ठाकुर रात को घर लौटे तो पाया कि लखी कुछ असहज महसूस कर रही है। रात भर अपनी पत्नी बीरमल देवी के साथ उसे दुलारते रहे। एक बजे के बाद तकलीफ बढ़नी शुरू हुई। सुबह 4 बजे तक लखी को गहरी पीड़ा से गुजरना पड़ रहा था। इसके बाद पति-पत्नी ने पशुपालन विभाग से रिटायर बहनोई बाबूराम को फोन किया। वो बाइक पर सुबह पौने 6 बजे के आसपास चासी से पहुंच गए। कुछ देर बाद एक बछड़ी का जन्म हो गया। सबने सोचा कि प्रसूति हो चुकी है। जब लखी खड़ी नहीं हुई तो इसकी वजह पता करने की कोशिश की गई तो प्रयास करने पर लखी ने एक ओर बछड़ी को जन्म दे दिया। वो कल्पना भी नहीं कर रहे थे कि लखी तीसरी बार बगैर बाहरी कोशिश के बछड़ी को जन्म दे देगी। चंद घंटों में ही गाय का बर्ताव सामान्य हो चुका था।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने गाय मालिक रणबीर ठाकुर से फोन पर लंबी बातचीत की। उनका कहना था कि वो करीब 50 साल के हो चुके हैं, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं सुना। अलबत्ता, इतना जरूर है कि जंगलावालाभूड में एक भैंस ने जुड़वा कटडे जन्में थे।
इस लिंक पर सुनी जा सकती है मालिक की जुबानी : https://youtu.be/Nz8NM9UvNSI
क्या बोली पशु पालन सहायक निदेशक…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब पशुपालन विभाग की सहायक निदेशक डॉ. नीरू शबनम को इस घटना के बारे में बताया तो वो भी अचंभित रह गई। स्पष्ट लहजे में कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो वास्तव में दुर्लभ है, क्योंकि एक ही लिंग के तीन बच्चों को जन्म देना तो दुर्लभतम से भी दुर्लभ है। उनका कहना था कि विभाग की टीम को मौके पर भेजकर परिवार को हरेक इम्दाद उपलब्ध करवाई जाएगी। सहायक निदेशक ने कहा कि वो विभाग में करीब 35 साल से सेवारत हैं, लेकिन इस तरह की घटना पहली बार सुनी है।