मंडी : कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे कई ऐसे योद्धा भी हैं जो पर्दे के पीछे दिन-रात काम कर रहे हैं। इन्हीं में शामिल हैं वो अधिकारी और कर्मचारी जिनकी दिन-रात की मेहनत के चलते प्रदेश के बाहर फंसे हजारों लोग अपने घरों तक पहुंच पा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं उन लोगों की जो ई-पास जारी करने में दिन रात लगे हुए हैं। एसी टू डीसी संजय कुमार को ई-पास जारी करने का जिम्मा सौंपा गया है। उनके साथ दस लोगों की टीम हैं जिसमें से 6 लोग दिन रात काम कर रहे हैं। अभी तक इनके पास डेढ़ लाख लोगों ने ई-पास के लिए आवेदन किया जिसमें से 50 हजार से अधिक लोगों को नियमों के तहत ई-पास जारी किए गए। इस टीम का काम रोजाना रात दो बजे तक चलता है, लेकिन सबसे ज्यादा काम वाला दिन रहा 30 अप्रैल।
एचएएस अधिकारी संजय कुमार बताते हैं कि 30 अप्रैल को 13 हजार से ज्यादा लोगों ने ई-पास के लिए आवेदन किया और इन सभी आवेदनों को निपटाते-निपटाते सुबह के पांच बज गए। पूरी टीम ने दो घंटे रेस्ट किया और उसके बाद फिर से काम में जुट गए। उन्होंने बताया कि रोजाना रात दो बजे तक टीम के सदस्य काम कर रहे हैं ताकि लोगों को समय पर ई-पास जारी किए जा सकें। वहीं एचएएस अधिकारी का मोबाईल नंबर लोगों की सुविधा के लिए बतौर हैल्पलाइन जारी किया गया है। संजय कुमार बताते हैं कि शुरूआत में उन्हें रोजाना 500 से 700 फोन आते थे। उनका एक फोन तो खराब भी हो गया अब टेबलेट से काम चला रहे हैं। आजकल भी रोजना 200 से 300 फोन कॉल सुन रहे हैं।
संजय कुमार के अनुसार राज्य सरकार ने ई-पास के लिए जो नई वैबसाइट जारी की है उसमें आवेदन की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है, जिससे कार्य करने में काफी आसानी हो रही है। अब एक ही व्यक्ति अपने साथ आने वाले लोगों के लिए एक ही ई-पास के लिए आवेदन कर रहा है जबकि इससे पहले सभी के लिए अलग से आवेदन करना पड़ता था। वहीं वैबसाइट में पास को चार भागों में बांटा गया है। इसके तहत जिला के भीतर, जिला के बाहर, प्रदेश से बाहर और प्रदेश में एंट्री की ऑप्शन दी गई है। कहा जा सकता है कि यह वो कोरोना वॉरियर्स हैं जो पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे हैं। हालांकि इनका काम किसी को दिखाई नहीं दे रहा, लेकिन कोरोना के खिलाफ जारी जंग में यह अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इनकी दिन रात की मेहनत के कारण ही लोग वापिस अपने घर लौट पा रहे हैं।